India News(इंडिया न्यूज), Yoga Break: हरियाणा सरकार की ओर से योग को लेकर बड़ा फैसल लिया गया है। राज्य सरकार की ओर से हरियाणा के सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों, सरकारी कॉलेजों और सहायता प्राप्त और स्व-वित्तपोषित कॉलेजों में योग ब्रेक अनिवार्य कर दिया गया है।
- ऐप में केवल वे योगासन, जिन्हें कार्यस्थल पर ब्रेक के दौरान करना संभव
- कर्मचारियों की दक्षता में सुधार करने में काफी मदद मिलेगी
ब्रेक को सख्ती से लागू करने का आदेश
सरकार ने कार्यालयों से समग्र कार्यस्थल पारिस्थितिकी तंत्र और उत्पादकता में सुधार के लिए ब्रेक को सख्ती से लागू करने के लिए कहा है। राज्य के आयुष मंत्री अनिल विज ने कहा है कि नए प्रोटोकॉल को लागू करने से कर्मचारियों की दक्षता में सुधार करने में काफी मदद मिलेगी। इससे पहले राज्य सरकार ने स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को योग क्लब स्थापित करने के निर्देश भी जारी किए थे।
उच्च शिक्षा निदेशालय ने क्या कहा
उच्च शिक्षा निदेशालय (डीएचई) के एक अधिकारी ने कहा कि “योग ब्रेक के पीछे का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्र, शिक्षक और कर्मचारी काम के दबाव से मुक्त हों और तनाव मुक्त रहते हुए अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर सकें।”
केंद्रीय आयुष मंत्रालय की ओर से कहा गया कि ‘योग ब्रेक’ (वाई-ब्रेक) की अवधारणा दुनिया भर में कामकाजी पेशेवरों के लिए प्रासंगिक है, और इस हस्तक्षेप से पूरे देश में वाई-ब्रेक प्रोटोकॉल का व्यापक अभियान चलाया जा सकता है।
मोबाइल ऐप बनाया गया
मंत्रालय ने वाई-ब्रेक नामक एक मोबाइल ऐप बनाया है। जिसे औपचारिक रूप से 1 सितंबर 2021 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में लॉन्च किया गया। जिसमें ब्रेक के दौरान लोगों के लिए योग दिनचर्या शामिल है। मॉड्यूल को शुरुआत में विभिन्न हितधारकों के समन्वय से जनवरी 2020 में 6 मेट्रो शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर लॉन्च किया गया था।
जागरूक करने के लिए कदम
मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई) ने देश के छह योग संस्थानों के सहयोग से 15 दिवसीय परीक्षण किया। जिसमें विभिन्न निजी और सरकारी निकायों के 717 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस परीक्षण को सफल बताया गया।ऐप में केवल वे योगासन हैं जिन्हें लोग अपने कार्यस्थल पर ब्रेक के दौरान 10 से 20 मिनट में आसानी से पूरा कर सकते हैं। कुछ आसन ऐसे भी हैं जो कुर्सी पर बैठकर या खड़े होकर किए जा सकते हैं। आयुष मंत्रालय ने पिछले साल सभी राज्य सरकारों को बड़े पैमाने पर जनता के स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देने और उन्हें योग की प्राचीन विरासत के बारे में जागरूक करने के लिए कदम उठाने के लिए लिखा था।
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