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India News(इंडिया न्यूज), Uttar Pradesh Government: यूपी सरकार ने कांवड़ यात्रा के नामपट्टिका संबंधी आदेश का बचाव किया, सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यह शांतिपूर्ण यात्रा सुनिश्चित करने के लिए था। सावन का पावन महीना शूरू हो चुका है लेकिन इस बार कांबड़ यात्रा से पहले एक बदलाव देखने को मिला है और वो ये है कि यूपी सरकार ने नेमप्लेट ऑर्डर का आदेश जारी किया है जिससे सभी दुकानदारों को अपने दुकान के आगे अपना असल नाम लिखना होगा और प्रूफ भी दिखाना होगा। इस बीच यूपी सरकार के इस आदेश का काफी लोग विरोध कर रहे हैं और याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट कता दरवाजा खटखटा रहे हैं। हालांकि यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने इसकी असल वजब बताई है। आइए इस खबर में हम बताते हैं पूरी जानकारी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकान मालिकों को अपना नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने के निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं का कड़ा विरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट को दिए गए विस्तृत निवेदन में राज्य सरकार ने कहा कि यह निर्देश शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तीर्थयात्रा सुनिश्चित करने के लिए जारी किया गया था।
सरकार कोई कानून लेकर आए और विपक्ष उसकी आलोचना न करे, ये तो दूरों-दूरों तक मुमकिन नहीं है। नेमप्लेट ऑर्डर को लेकर यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सफाई दी है। इस बीच विपक्ष का क्या हाल है, आइए उस पर भी एक नजर डालते हैं।
विपक्ष ने निर्देश पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का आभार जताया। कांग्रेस ने आदेश का स्वागत किया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्यमंत्रियों को उनके “राज धर्म” की याद दिलानी चाहिए।
दक्षिणपंथी समूहों ने इस फैसले की आलोचना की और उम्मीद जताई कि अगली अदालती सुनवाई में तीर्थयात्रियों के “बुनियादी मानवाधिकारों” को बरकरार रखा जाएगा। विश्व हिंदू परिषद (VHP) के महासचिव बजरंग बागड़ा ने कहा कि इस आदेश ने “हिंदू समुदाय, हिंदू तीर्थयात्रियों और कांवड़ यात्रियों को हतोत्साहित किया है।”
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