ADVERTISEMENT
होम / देश / Greater Noida में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना करेगी योगी सरकार, 79.57 करोड़ रुपए की लागत से होगा निर्माण

Greater Noida में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना करेगी योगी सरकार, 79.57 करोड़ रुपए की लागत से होगा निर्माण

BY: Divyanshi Singh • LAST UPDATED : July 25, 2024, 3:56 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

Greater Noida में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना करेगी योगी सरकार, 79.57 करोड़ रुपए की लागत से होगा निर्माण

yogi

इंडिया न्यूज (India News), Greater Noida: उत्तर प्रदेश की प्रगति व उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर उसे उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में प्रयासरत योगी सरकार ने ग्रेटर नोएडा में विकास को गति देने के लिए दो प्रमुख योजनाओं पर कार्य शुरू कर दिया है। ग्रेटर नोएडा में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना व संचालन के साथ ही गंगा जल प्रोजेक्ट से संबंधित परियोजनाओं को गति देने का कार्य शुरू हो गया है।

  • ग्रेटर नोएडा में ‘सिक्वेंशियल बैच रिएक्टर टेक्नोलॉजी’ बेस्ड सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना करेगी योगी सरकार
  • सीएम योगी के विजन अनुसार, सेक्टर-1 में 45 एमएलडी कैपेसिटी युक्त एसटीपी व वॉटर रीक्लेमेशन फैसिलिटी की स्थापना, संचालन व टेस्टिंग की प्रक्रिया बढ़ेगी आगे
  • 79.57 करोड़ रुपए की लागत से होगा ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने शुरू की तैयारियां
  • 85 क्यूसेक कैपेसिटी वाले गंगा जल प्रोजेक्ट को भी गति देगी योगी सरकार, 3 जोनल रिजरवॉयर में इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल व अन्य सिविल वर्क्स को जल्द पूरा करने पर फोकस
  • अगले एक वर्ष में 11.44 करोड़ रुपए की लागत से गंगा जल प्रोजेक्ट के अंतर्गत सभी निर्धारित कार्यों को किया जाएगा पूरा

79.57 करोड़ की लागत से बनेगा ट्रीटमेंट प्लांट

सीएम योगी के विजन अनुसार, ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-1 में ‘सिक्वेंशियल बैच रिएक्टर टेक्नोलॉजी’ बेस्ड सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना किया जाना निर्धारित है। 79.57 करोड़ की लागत से बनने वाले 45 एमएलडी कैपेसिटी युक्त सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व वॉटर रीक्लेमशन फैसिलिटी की स्थापना, संचालन व टेस्टिंग की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए एजेंसी निर्धारण व कार्यावंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

इसी प्रकार, 85 क्यूसेक कैपेसिटी वाले गंगा जल प्रोजेक्ट के अंतर्गत 3 जोनल रिजरवॉयर में इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल व अन्य सिविल वर्क्स को जल्द पूरा करने के लिए एजेंसी निर्धारण व कार्यावंटन की प्रक्रिया शुरू कर दिया गया है। इस कार्य में कुल मिलाकर 11.44 करोड़ रुपए का व्यय अनुमानित है। इन दोनों ही कार्यों को पूरा करने के लिए ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की ओर से प्रक्रिया शुरू हो गई है और सभी कार्यों को पूरी गुणवत्ता के साथ जल्द से जल्द पूरा करने पर फोकस किया जा रहा है।

एसबीआर टेक्नोलॉजी युक्त होगा एसटीपी, कई खूबियों से होगा लैस

ग्रेटर नोएडा के समेकित विकास के लिए सीएम योगी के विजन में तैयार की गई विस्तृत कार्ययोजना के अनुसार, ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-1 में 79.57 करोड़ रुपए की लागत से सिक्वेंशियल बैच रिएक्टर (एसबीआर) टेक्नोलॉजी युक्त सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का विकास किया जाएगा। यह 45 एमएलडी कैपेसिटी वाला एसटीपी होगा जिसे एजेंसी निर्धारण व कार्यावंटन के बाद 15 महीनों में पूरा किया जाएगा।

वहीं, ऑपरेशन व मैनेजमेंट के लिए 120 महीनों की कार्यावधि निर्धारित की गई है। इस प्लांट के निर्माण को लेकर पहले एजेंसी द्वारा साइट एनवॉयरमेंट प्लान (एसईपी) तैयार किया जाएगा। सभी निर्माण कार्यों को पूरा करने के लिए विभिन्न मानकों का ध्यान रखा जाएगा जिसमें वायु प्रदूषण व ध्वनि प्रदूषण के स्तर को भी मॉनिटर करते हुए कम से कम रखा जाएगा। यह ट्रीटमेंट प्लांट वॉटर रीक्लेमेशन फैसिलिटी भी होगा।

देश CM Arvind Kejriwal की न्यायिक हिरासत पर बड़ा अपडेट, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई पेशी

3 महीने का ट्रायल पीरियड

प्लांट के संचालन के लिए 3 महीने का ट्रायल पीरियड भी निर्धारित किया गया है जिसमें इसके संचालन के विभिन्न मानकों को मॉनिटर करते हुए क्रियान्वित किया जाएगा। इस दौरान, डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड की समयावधि 12 महीने निर्धारित की गई है। प्लांट का डिस्पोजल चैनल हिंडन नदी के किनारे स्थित होगा। प्लांट को सौर ऊर्जा युक्त भी किया जाएगा और इसके हाइड्रोलिक पंपों का संचालन सौर ऊर्जा के जरिए किए जाने की योजना है।

एक साथ कई प्रकार के अपशिष्टों का हो सकेगा निस्तारण

प्लांट में अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सीवरेज आउटकम को गहरे गुरुत्वाकर्षण आउटफॉल सीवर द्वारा प्राप्त किया जाएगा, जो रॉ सीवेज को एक रिसीविंग चैंबर में डिस्चार्ज करेगा, जहां से इसे डाउनस्ट्रीम मोटे स्क्रीन में ले जाया जाएगा। सीवेज के साथ आने वाली सामग्रियों को हटाने के लिए उसे गीले कुएं के ऊपर मोटे स्क्रीन चैनल में छाना जाएगा। स्क्रीनिंग के बाद सीवेज वेट वेल में प्रवेश करेगा। प्लांट वेट वेल युक्त होगा जिसकी क्षमता औसत और पीक फ्लो स्थितियों के दौरान पर्याप्त हाइड्रोलिक प्रतिधारण करने की होगी।

प्लांट में फ्लो मैनेजमेंट, इनलेट चैंबर, फाइन स्क्रीनिंग व डी-ग्रिटिंग व्यवस्था को भी पूर्ण किया जाएगा। प्लांट में उपचारित सीवेज में से बीओडी, सीओडी, निलंबित ठोस, नाइट्रोजन और फॉस्फोरस को हटाने तथा बायोलॉजिकल ऑर्गैनिक रिमूवल के लिए एसबीआर इकाइयों में डाला जाएगा। एसबीआर बेसिन को दो क्षेत्रों में विभाजित किया जाएगा, जोकि सिलेक्शन जोन व एरेशन जोन युक्त होंगे। एसबीआर एकल चरण में चक्रीय/बैच मोड में काम करेगा। यह जैविक कार्बनिक निष्कासन, नाइट्रीकरण, विनाइट्रीकरण और जैविक फॉस्फोरस निष्कासन करेगा और एक साथ अपशिष्ट स्थिरीकरण करने में सक्षम होगा।

कार्यावंटन के बाद 12 महीने में गंगा जल प्रोजेक्ट के कार्य होंगे पूर्ण

ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा बनाई गई कार्ययोजना के अनुसार, गंगा जल प्रोजेक्ट को एजेंसी निर्धारण व कार्यावंटन के बाद 12 महीने की कार्यावधि में पूरा कर लिया जाएगा। परियोजना के अंतर्गत 85 क्यूसेक कैपेसिटी वाले गंगा जल प्रोजेक्ट में 3 जोनल रिजरवॉयर में इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, इंस्ट्रूमेंटल व अन्य सिविल वर्क्स को जल्द से जल्द पूरा करने पर फोकस किया जा रहा है। इसके अंतर्गत, विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रिकल इक्विप्मेंट इंस्टॉलेशन व फिटिंग वर्क्स, पाइपलाइन फिटिंग व इंस्टॉलेशन, फ्लोर माउंटेड क्लोरिनेशन सिस्टम, हाइपो क्लोराइड डोजिंग सिस्टम, मीटरिंग व डोजिंग पंप इंस्टॉलेशन समेत विभिन्न कार्यों को पूरा किया जाएगा।

Tags:

greater noidaIndia newsUPYogi Sarkarइंडिया न्यूज

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT