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'युवा अब पत्थर नहीं, किताबें और कलम लेकर चलते हैं', जानिए PM Modi ने ऐसा क्यों कहा?

BY: Sohail Rahman • LAST UPDATED : September 19, 2024, 1:04 pm IST
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'युवा अब पत्थर नहीं, किताबें और कलम लेकर चलते हैं', जानिए PM Modi ने ऐसा क्यों कहा?

PM Modi On J&K Assembly Election ( जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर पीएम मोदी ने क्या कहा? )

India News, (इंडिया न्यूज), PM Modi On J&K Assembly Election: जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए बुधवार (18 सितंबर, 2024) को वोट डाले गए। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर चुनाव के पहले चरण में रिकॉर्ड मतदान की प्रशंसा की और कहा कि सुरक्षाकर्मियों पर पत्थर फेंकने के लिए बदनाम जम्मू-कश्मीर के लोग अब हाथों में किताबें और कलम लेकर सड़कों पर घूमते हैं। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में 60.21 प्रतिशत मतदान हुआ है। जो पिछले सात चुनावों में सबसे अधिक है। कश्मीरियत को आगे बढ़ाने में कश्मीरी पंडितों की भूमिका पर जोर देते हुए पीएम मोदी ने पंडित समुदाय और क्षेत्र की विरासत के बीच गहरे संबंध को उजागर किया। 

कश्मीर में सिख परिवारों पर हुए अत्याचार के बारे में की चर्चा 

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कश्मीर में सिख परिवारों द्वारा सामना की जा रही कठिनाइयों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया, जिन्होंने इसी तरह हिंसा और अत्याचार सहे हैं। उन्होंने तीनों राजनीतिक परिवारों पर कश्मीरी हिंदू और सिख समुदायों के खिलाफ अन्याय के कृत्यों में शामिल होने का आरोप लगाया है। यह सुझाव देते हुए कि उनके और उनके सहयोगियों के कार्यों ने वर्षों से इन समूहों के कष्ट और विस्थापन में योगदान दिया है। श्रीनगर में लाल चौक के परिवर्तन पर विचार करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि एक समय यह एक ऐसा स्थान था, जो तिरंगा झंडा फहराने का प्रयास करने वालों के लिए खतरे का प्रतीक था।

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सुशील कुमार शिंदे ने कही ऐसी बात 

पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, वर्षों से लाल चौक पर जाना डर ​​से भरा हुआ था, क्योंकि लोग सुरक्षा चिंताओं के कारण इस क्षेत्र में प्रवेश करने से हिचकिचाते थे। दरअसल इस महीने की शुरुआत में दिल्ली में अपने संस्मरण का विमोचन करते हुए शिंदे ने कहा कि जब वे पद पर थे, तब उन्हें कश्मीर में बाहर निकलने में डर लगता था।

शिंदे ने कहा था कि, “गृह मंत्री बनने से पहले मैं उनसे (शिक्षाविद विजय धर) मिलने गया था। मैं उनसे सलाह मांगता था। उन्होंने मुझे सलाह दी कि मैं इधर-उधर न घूमूं, बल्कि लाल चौक (श्रीनगर में) जाऊं, लोगों से मिलूं और डल झील घूमूं।” हालांकि, उन्होंने कहा कि स्थिति नाटकीय रूप से बदल गई है। आज, लाल चौक सहित श्रीनगर के बाजार ईद और दिवाली दोनों के जीवंत उत्सवों से गुलजार हैं, जो सामान्य स्थिति और सांप्रदायिक सद्भाव की नई भावना का संकेत देते हैं।

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