संबंधित खबरें
खतरा! अगर आपको भी आया है E-Pan Card डाउनलोड करने वाला ईमेल? तो गलती से ना करें क्लिक वरना…
मिल गया जयपुर गैस टैंकर हादसे का हैवान? जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस रह गई हैरान
भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus
‘जर्सी नंबर 99 की कमी खलेगी…’, अश्विन के सन्यास से चौंक गए PM Modi, कह दी ये बड़ी बात, क्रिकेट प्रशसंक भी रह गए हैरान
महाराष्ट्र फतह के बाद फिर से चुनावी तैयारी में जुटे Fadnavis, शरद पवार ने सीधे CM को कर दिया कॉल, राज्य की राजनीति में अभी नहीं थमा है तूफान
GST Council Meeting Highlights: कौड़ियों के दाम में मिलेंगी ये चीजें, निर्मला सीतारमण के इस फैसले से खुशी से उछल पड़े सभी वर्ग के लोग
India News (इंडिया न्यूज़), दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की तरफ से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर अमित शाह ने सरकार का जिस तरह से पक्ष रखा उसने मोदी सरकार का मानो परचम लहरा दिया. विपक्ष के हमले को अमित शाह ने लगभग भोथरा कर दिया. इसका कारण यह है कि अमित शाह की तैयारी बहुत मजबूत थी औऱ वे अपनी बातें आंकड़ों के आधार पर रख रहे थे. मोदी सरकार के 9 सालों की कामयाबी के मुकाबले में कांग्रेस की पिछली सरकारों को रखकर अमित शाह आईना दिखा गए. मोदी सरकार ने 49 करोड़ 65 लाख जनधन खाते खुलवाए और उसके जरिए 25 लाख करोड़ लोगों तक भेजे.
अमित शाह ने कहा कि एक दौर था जब देश के ही एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि दिल्ली से चलनेवाले एक रुपए का 15 पैसा ही लोगों तक पहुंचता है, मगर आज पूरा सौ पैसा जाता है. वे राजीव गांधी के बयान की याद दिला रहे थे औऱ लगे हाथ उन्होंने यह भी पूछा कि राजीव गांधी के बाद भी तो सरकारें रही- यह बताया जाए कि वे पैसे जो लोगों तक नहीं जा पा रहे थे, उनको खाता कौन था? अमित शाह संकेत इस बात का दे रहे थे कि कांग्रेस की सरकारें लोगों से बेईमानी करती हैं.
नरेंद्र मोदी की अगुआई में देश ने आर्थिक मोर्चे पर भी रिकार्ड तरक्की हासिल की है. यह कहते हुए अमित शाह बारी बारी से आंकड़े रखते चले गए. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी देश के 6 साल प्रधानमंत्री रहे औऱ उनके शासनकाल में भारत दुनिया की 15वीं ताकतवर अर्थव्यव्स्था से 11 वीं अर्थव्यवस्था बना औऱ मनमोहन सिंह जिनको बड़ा अर्थशास्त्री माना जाता है, वे अपने शासन के दस साल में देश को सिर्फ एक पायदान ही बढा सके. आज मोदी हैं जिनको लेकर पता नही क्या-क्या कहा जा रहा था, लेकिन पिछले 9 साल में भारत सबसे शक्तिशाली अर्थव्यवस्था की रैंकिंग में 10 वें से 5 वें पायदान पर आ गया.
अमित शाह कुल मिलाकर यह कह रहे थे कि देश की माली हालत की बेहतरी या तो वाजपेयी सरकार ने की या मोदी सरकार ने. मोदी ने तो कमाल का काम किया है. देश के बुनियादी ढांचे के विकास की बात हो या लॉकडाउन में वैक्सीन लगाने औऱ लोगों को राशन देने की – अमित शाह आंकड़ें के साथ थे. वे यह दावा कह रहे थे कि मोदी सरकार ने जिस काम को असंभव कहा जाता था, उसको संभव कर के दिखाया.
नेशनल कांफ्रेंस नेता फारुख अब्दुल्ला ने कश्मीर और कश्मीरियत को खत्म करने का आरोप सरकार पर लगाया. पाकिस्तान के साथ बेहतर संबंध रखने औऱ विकास को बेरोकटोक रखने की वकालत भी की. अमित शाह ने अपने भाषण में बड़ी सपाटबयानी और सख्ती से जवाब दिया कि आप लोग कहते हैं कि जमीयत से बात करो, हुर्रियत से बात करो, पाकिस्तान से बात करो. हम साफ कहना चाहते हैं कि ना हम जमीयत से बात करना चाहते हैं, ना हुर्रियत से औऱ ना पाकिस्तान से. कश्मीर में नीतियों और संकल्प को लेकर यह स्टैंड देश के लोगों को अच्छा नहीं लगेगा यह आप नहीं कह सकते.
जब मणिपुर की बारी आई को बतौर गृह मंत्री अमित शाह ने पूरी जिम्मेदारी और गंभीरता से सारा मामला सदन के सामने रखा. उन्होंने कहा कि मणिपुर में जघन्य हिंसा हुई है औऱ यह शर्मनाक है. यह मैं मानता हूं. लेकिन हालात को संभालने के लिये जितने जरुरी बंदोबस्त किए जाने थे हमने किए. अमित शाह ने कहा मैं खुद तीन दिन मणिपुर में रहा औऱ गृह राज्यमंत्री 23 दिन रहे. हमने वहां सारे जरुरी अधिकारी बदले, तैनात किए औऱ सुरक्षा एजेंसियों को यूनिफाइड कमांड के साथ तैनात किया है. जिन लोगों ने साजिश की औऱ जिनकी हिंसा में भूमिका रही है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
अमित शाह ने कहा कि मणिपुर में हालात के बिगड़ने का एक कारण सीमा पार से आए लोग भी हैं जिनके चलते स्थानीय लोगों में सुरक्षा को लेकर लगातार चिंता बढती रही है. इससे निपटने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है.अमित शाह ने सदन को जानकारी दी कि मणिपुर में उजड़े हुए लोगों को राशन से लेकर बाकी दूसरी जरुरतों की भरपाई की जा रही है. हालात आज सामान्य हैं और स्कूल कॉलेज खुल गए हैं. सुरक्षा का जायजा मैं खुद हर हफ्ते यूनिफाइड कमांड के साथ लेता हूं.
कुल मिलाकर अमित शाह ने विपक्ष के तमाम हमले को निरस्त करने में कामयाबी हासिल की. इसका सबसे बड़ा कारण ये था कि वे सधे हुए थे, तैयारी के साथ थे, आंकड़ों के आधार पर मोदी सरकारी की पैरोकारी कर रहे थे और विषयों को क्रम में ऱखे हुए थे.
(लेखक राणा यशवन्त इंडिया न्यूज के संपादक है)
Also Read
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.