होम / पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड,अब और बिगड़ेंगे पाकिस्तान के भारत से रिश्ते ! कट्टरता में नंबर 1 है PAK का नया ‘ सेना प्रमुख’

पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड,अब और बिगड़ेंगे पाकिस्तान के भारत से रिश्ते ! कट्टरता में नंबर 1 है PAK का नया ‘ सेना प्रमुख’

Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : November 24, 2022, 8:10 pm IST

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) :पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर को देश का नया सेना प्रमुख चुना है। मुनीर आसिम मौजूदा सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की जगह लेने वाले हैं। कमर जावेद बाजवा 29 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं। नए आर्मी चीफ का विवादों से गहरा नाता रहा है, इनके इरादे भारत के लिए कभी अच्छे नहीं रहे है।

जानकारी दें,राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य और कैबिनेट सचिवालय के विशेष सचिव के तौर पर रिटायर हुए तिलक देवाशेर ने दावा किया है कि आसिम मुनीर पाकिस्तान के उन लोगों में से एक थे, जिन्होंने साल 2019 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले की मॉनिटरिंग की थी. आसिम मुनीर पूरे पुलवामा कांड की निगरानी कर रहे थे। मुनीर के बारे में तिलक देवाशेर ने ये भी कहा है कि जब पुलवामा हमला हुआ था तब वह ISI के डीजी थे। आपको बता दें,पुलवामा पर हमला फरवरी 2019 में हुआ था। उनकी पूरे घटनाक्रम पर नजर थी। माना जाता है कि आसिम मुनीर कश्मीर पर बारीक नजर रखने वाले अधिकारी रहे हैं। वह उन सीमावर्ती क्षेत्रों में भी काम कर चुके हैं जो भारत के लिए रणनीतिक तौर पर बेहद अहम रहे हैं।

भारत की भौगोलिक स्थिति से परिचित हैं आसिम मुनीर

आसिम मुनीर भारत की भौगोलिक स्थिति से परिचित हैं। ऐसे में भारत को भी उनके हर मूवमेंट पर नजर रखनी होगी। 14 फरवरी 2019 को पुलवामा पर हमले में 40 CRPF के जवान शहीद हो गए थे।

भारत के लिए नहीं रखता हैं दोस्ताना रवैया

तिलक देवाशेर ने कहा है कि पाकिस्तान का कोई भी सेना प्रमुख भारत के लिए बहुत दोस्ताना रवैया नहीं रखता है। आसिम मुनीर इस सांचे को नहीं तोड़ने जा रहे हैं। वह भारत के खिलाफ सख्त रवैया अपनाते रहेंगे। तिलक देवाशेर ने कहा है कि अगर पाकिस्तान में समस्या बढ़ती है तो उनके पास इससे निपटने का अनुभव भी है। हमें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। नए पाकिस्तानी सेना प्रमुख का भी रवैया भारत के लिए बहुत अच्छा नहीं रहने वाला है।अमेरिका और चीन के प्रति उनका रुख भी पहले की तरह रहने वाला है।

बाजवा का करीबी है आसिम मुनीर

आपको बता दें, लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर ने ऑफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल के जरिए सेना में आए थे। उन्होंने फ्रंटियर फोर्स रेजिमेंट में भी काम संभाला। वह एक अरसे से जनरल बाजवा के करीबी सहयोगी रहे हैं। उन्हें साल 2017 की शुरुआत में ISI महानिदेशक नियुक्त किया गया था. बीते साल अक्टूबर में ISI प्रमुख बनाया गया था।

हालाँकि, शीर्ष खुफिया अधिकारी के रूप में उनका कार्यकाल अब तक का सबसे छोटा कार्यकाल रहा। उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के दबाव डालने पर आठ महीने के भीतर इस पद से हटा दिया गया था और उनके स्थान पर लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद को नियुक्त किया गया था।

सेना तय करती है पाकिस्तान की विदेश नीति

जनकारी हो, पाकिस्तान के थल सेनाध्यक्ष के पास सैनिकों की तैनाती, नियुक्तियों और ट्रांसफर का अधिकार है। यही वजह है कि फौज में सेना प्रमुख को सबसे शक्तिशाली माना जाता है। पाकिस्तान में सेना काफी ताकतवार मानी जाती है। पाकिस्तान को अस्तित्व में आए 75 साल हुए हैं और देश पर आधे से ज्यादा वक्त सेना का शासन रहा है। सुरक्षा और विदेश नीति में फौज का काफी दखल रहता है।

नए सेना प्रमुख की नियुक्ति काफी अहम है, क्योंकि कई लोगों का मानना है कि अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान की रैली का संबंध सेना में कमान बदलने से है। उन्होंने अपने समर्थकों को 26 नवंबर को रावलपिंडी में इकट्ठा होने के लिए कहा है। जिसके दो दिन बाद जनरल बाजवा नए सेना प्रमुख को कमान सौंपेंगे।

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