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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
रूस और यूक्रेन के बीच 65 दिन से चल रही जंग का थमना तो अब दूर की बात हो गई है। बल्कि ये जंग अब और बढ़ रही है। रूसी सेना पिछले कुछ दिनों से यूक्रेन के कई शहरों में ताबड़तोड़ मिसाइलें दाग रही है। यूक्रेन के कई शहर ऐसे हैं जहां 50 प्रतिशत से ज्यादा इमारतें अब खंडहर में तब्दील हो गई है।
वहीं अब तीसरे विश्व युद्ध (Third World War) की संभावना भी बढ़ रही है। इसके पीछे 3 मुख्य कारण है-
9 मई को रूस में विक्ट्री डे मनाया जाता है। इस दिन जर्मनी ने पहले विश्व युद्ध में सोवियत संघ के आगे घुटने टेक दिए थे। 2 दिन पहले ही रूस में विक्ट्री डे को लेकर तैयारियां भी की गई है। रूस ने अपना सैन्य प्रदर्शन किया था, जिसमें पहली बार खतरनाक रूसी टैंकों भी शामिल किया गया था।
ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि 9 मई को रूस न केवल यूक्रेन में हमले और तेज करेगा बल्कि यूक्रेन की मदद करने वाले देशों के खिलाफ भी मोर्चा खोल सकता है। यदि ऐसा होता है तो तीसरा विश्व युद्ध होना तय है।
रूस ने कुछ दिन पहले ऐसी परमाणु मिसाइल का सफल परीक्षण किया था जिसकी रेंज पूरी दुनिया में किसी भी कोने तक है। वहीं एक दिन रूस ने सबमरीन से भी हमले का परीक्षण किया था। इस बारे में रूस के रक्षा मंत्रालय की ओर से भी बयान आया है।
तीसरे विश्व युद्ध (Third World War) का दूसरा कारण स्वीडन बन सकता है। स्वीडन भी ऐसा देश है जो नाटो का सदस्य बनना चाहता है। 2014 में रूस द्वारा क्रीमिया पर कब्जा किए जाने के बाद से स्वीडन को अपनी सीमाओं की चिंता हो रही है।
हाल ही में स्वीडन ने दावा किया है कि एक रूसी सैन्य विमान ने उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है। शुक्रवार देर रात बॉर्नहोम द्वीप के पास बाल्टिक सागर में रूसी लड़ाकू विमान स्वीडन की सीमा में काफी अंदर तक घुस आया।
स्वीडन के अनुसार रूसी एएन-30 प्रोपेलर विमान ने स्वीडिश हवाई क्षेत्र की तरफ उड़ान भरी और उसमें प्रवेश करने के कुछ समय बाद क्षेत्र छोड़ दिया। स्वीडन की वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने रूसी विमान का पीछा किया और उसकी तस्वीर भी ली।
वहीं फिनलैंड भी नाटो का सदस्य बनना चाहता है। इन दिनों यहां भी काफी हलचल हो रही है जोकि पुतिन को नागवार गुजर रही है। फिनलैंड अभी NATO देशों का सदस्य नहीं है लेकिन अगर फिनलैंड नाटो का सदस्य बनता है तो करीब 1300 किलोमीटर लंबी रूस-फिनलैंड सीमा में अमेरिका बिल्कुल पास आकर खड़ा हो जायेगा।
दरअसल, यूक्रेन पर हमले के साथ ही रूस ने अन्य पड़ोसी देशों को भी चेतावनी दी है कि वो नाटो की सदस्यता लेने संबंधी विचार त्याग दें, नहीं तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। रूस की चेतावनी देने के बाद भी फिनलैंड व स्वीडन नाटो का सदस्य बनने की कोशिश में लगे हैं।
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