India News (इंडिया न्यूज़), Uyghur Muslims, दिल्ली: चीन के शिनजियांग प्रांत में चीन का कहर जारी है। मुस्लिमों को उनकी धार्मिक परंपरा का पालन करने नहीं दिया जा रहा है। चीनी सरकार और कम्युनिस्ट पार्टी के आदेशों पर उइगर मुस्लिमों को धार्मिक शिक्षा प्राप्त करने और धार्मिक प्रथा का पालन करने पर गिरफ्तार किया डिटेंशन सेंटर में डाला जा रहा है। चीन ने 35 लाख उइगर मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों को जेल शिविरों में नजरबंद कर दिया गया है। सरकार उसे शिक्षा केंद्र कहती है।
1941 की आबादी की तुलना करें तो शिनजियांग प्रांत में मुस्लिमों की संख्या घटकर आधी हो गई है जबकि चीन के बहुसंख्यक समुदाय हाल की आबादी इस प्रांत में कई गुना बढ़ी है। इस प्रांत ने 9 लाख बच्चों को उनके माता-पिता से अलग कर दिया गया है। कम्युनिस्ट पार्टी के लोग बच्चों को हान संस्कृति और मैंडरिन भाषा में शिक्षा दे रहे है।
चीनी अत्याचार को साल 2022 में ‘अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर रिपोर्ट’ में विस्तार से बात की गई है। चीन सरकार इन 35 लाख लोगों को आतंकवादी मानती है। 1941 में इस प्रांत में उइगर आबादी 80 प्रतिशत से ज्यादा थी जो आज 42 प्रतिशत रह गई है। जबकि हान आबादी 5 प्रतिशत थी जो आज 37 प्रतिशत से अधिक हो गई है।
मानवाधिकारों के लिए उच्चायुक्त (OHCHR) के संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के अनुसार, मुस्लिमों के साथ चीन में गायब होना, जबरन नसबंदी, यातना, राजनीतिक शिक्षा और यौन शोषण आम बात हो गई है। चीन पर एक जर्मन रिसर्च स्कॉलर एड्रियन जेन्ज़ के अनुसार जबरन नसबंदी नीति से भविष्य में 45 लाख उइगर जन्म लेने से रोका जा चुका है।
कम्युनिस्ट पार्टी उइगर मुस्लिमों की जासूसी भी करवाती है। उन्हें 24 घंटे निगरानी में रखा जाता है। अगर किसी का इंटरनेशनल संबंध हो तो उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाता है। शिनजियांग चीन का सबसे बड़ा प्रांत है और यहां की आबादी करीब तीन करोड़ है।
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