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तबाही लपेट कर अंतरिक्ष से आ रहा है 'राक्षस'? थर-थर कांप रही है पूरी दुनिया, Nasa ने जारी किया ऐसा एलर्ट

Sohail Rahman • LAST UPDATED : October 21, 2024, 3:18 pm IST
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तबाही लपेट कर अंतरिक्ष से आ रहा है 'राक्षस'? थर-थर कांप रही है पूरी दुनिया, Nasa ने जारी किया ऐसा एलर्ट

Asteroid  2024 TP17( धरती के काफी करीब से गुरजने वाला है ये क्षुद्रग्रह )

India News (इंडिया न्यूज), Asteroid  2024 TP17:  आसमान से धरती की ओर एक बहुत ही बड़ा खतरा आने वाला है। दरअसल अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने इस बारे में बहुत ही बड़ी चेतावनी जारी की है। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि नासा के अनुसार इस क्षुद्रग्रह का नाम 2024 TP17 है। जो 24 अक्टूबर को भारत के समय के अनुसार दोपहर 1:50 बजे पृथ्वी के काफी नजदीक से गुरजने वाला है। बताया जा रहा है कि इसका आकार हवाई जहाज के बराबर है। यह क्षुद्रग्रह धरती से लगभग 46 लाख किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा। अगर हम इसे खगोलीय दृष्टि से देखें तो यह दूरी पृथ्वी के बेहद ही करीब है। 

इस एस्टेरॉयड की कितनी स्पीड है?

हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, 170 फीट के आकार का यह एस्टेरॉयड अंतरिक्ष में 20,832 किमी/घंटा की गति से यात्रा कर रहा है। इसी वजह से नासा ने इसे बारीकी से निगरानी किए जाने वाले पृथ्वी के निकट वस्तु की श्रेणी में रखा है। हालांकि, ऐसी गति एस्टेरॉयड के लिए सामान्य है। लेकिन इसकी नजदीकी खगोलविदों का ध्यान आकर्षित कर रही है। पृथ्वी के सबसे करीबी बिंदु पर यह क्षुद्रग्रह 46,40,400 किलोमीटर की दूरी पर होगा। 

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धरती को नहीं है कोई खतरा

चंद्रमा और धरती के बीच का डिस्टेंस (3.84 लाख किमी) की तुलना में यह 12 गुना अधिक है। अगर हम इस दूरी की बात करें तो ये देखने में बहुत अधिक लग सकती है, लेकिन पृथ्वी के करीब से गुजरने वाले एस्टेरॉयड के मामले में यह करीब मानी जाती है। हालांकि नासा ने इस बात को वेरिफाई किया है कि फिलहाल पृथ्वी के लिए इस क्षुद्रग्रह से कोई खतरा नहीं है।

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नासा का ये सेंटर कर रहा निगरानी

हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, नासा का सेंटर फॉर नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज संभावित खतरों की निगरानी करने के लिए क्षुद्रग्रहों पर लगातार नजर रख रहा है। जानकारी के अनुसार ये एजेंसी इस तकनीक का इस्तेमाल कर इसकी निगरानी कर रहा है। दरअसल, इन अंतरिक्ष चट्टानों के प्रक्षेप पथ पर आंकड़े इकट्ठा करने के लिए दुनिया भर में वेधशालाओं (ऑब्जर्वेटरी) के एक नेटवर्क का उपयोग करती है। हालांकि नासा के अनुसार एस्टेरॉयड से तत्काल कोई खतरा नहीं है, लेकिन नासा ग्रहीय सुरक्षा रणनीतियों को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है।

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