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India News (इंडिया न्यूज़), Afghan Refugees: पाकिस्तान सरकार अपने देश में अफगान शरणार्थियों को चरणबद्ध तरीके से बाहर निकालने की कार्रवाई कर रहा है। पाकिस्तान के इस फैसले पर तालिबान की तरफ से प्रतिक्रिया आई है। जिसमे तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने अफगान शरणार्थियों की मेजबानी करने वाले देशों से उन्हें जबरदस्ती निर्वासित न करने का आह्वान किया है। वहीं तालिबान का कहना है कि, अफगान प्रवासी अभी इसके लिए तैयार नहीं हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई ने अफगान न्यूज़ चैनल टोलो न्यूज़ की रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि, जबीहुल्ला मुजाहिद ने इस्लामी और पड़ोसी शिष्टाचार के आधार पर सहिष्णुता का भी आह्वान किया है। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा है कि, अफगानिस्तान में पिछले 45 सालों में युद्धों के कारण अफगानी नागरिकों को विभिन्न देशों में पलायन होने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
मुजाहिद के बयान के अनुसार, अफगानों ने मेजबान देशों में समस्याएं या अस्थिरता पैदा नहीं की है। वहीं टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने पड़ोसी देशों से शरणार्थियों के साथ बेहतर व्यवहार करने का आग्रह किया है। दरअसल, तालीबान का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार ने अफगानी नागरिकों के लिए देश छोड़ने की समय सीमा 31 अक्टूबर घोषित की है।
बता दें कि, पाकिस्तान सरकार ने लगभग 20 लाख अफगान शरणार्थियों को देश छोड़ने के लिए कहा है, ऐसा भी नहीं की उन्हें जबरन निर्वासित कर दिया जाएगा। सरकार के बयान में कहा गया है कि, “जिन अफगानों को जबरदस्ती निर्वासित किया जा रहा है, उनकी सामग्री, धन और अन्य संपत्ति उनकी निजी संपत्ति है और किसी को भी उनसे इसे जब्त करने और उन पर अनुचित और अन्यायपूर्ण शर्तें लगाने का अधिकार नहीं है।”
वहीं, तालिबान ने राजनीतिक चिंताओं के कारण निर्वासन का सामना कर रहे अफगान नागरिकों से देश वापस लौटने का आग्रह करते हुए कहा है कि, वे अफगानिस्तान में शांति से अपना जीवन जी सकते हैं। इसी को लेकर खामा प्रेस के मुताबिक कहा गया कि, पाकिस्तान के जबरन निष्कासन के विरोध में अफगान शरणार्थियों के एक ग्रुप ने सोमवार को इस्लामाबाद में संयुक्त राष्ट्र मानव शरणार्थी मानव आयुक्त (UNHCR) के कार्यालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन शुरू किया है।
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