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India News (इंडिया न्यूज), India-US Relations : अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद से ट्रंप कई सारे कार्यकारी आदेशों पर साइन कर चुके हैं। इनमें से एक विदेशी वित्तपोषण पर रोक लगाना भी है। ट्रंप के इस फैसले ने दुनिया के कई देशों को हिलाकर रख दिया है। शुक्रवार को अमेरिका के विदेश विभाग ने लगभग सभी विदेशी वित्तपोषण पर रोक लगा दी है और अपवाद के तौर पर सिर्फ मानवीय खाद्य कार्यक्रमों और इस्राइल और मिस्त्र को मदद जारी रखी जाएगी। इसमें पाकिस्तान और यूक्रेन को दी जाने वाली मदद पर भी रोक ला दी गई है।
नए आदेश के बाद से अमेरिका दुनियाभर में स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास, नौकरी प्रशिक्षण की जो भी मदद देता है, उन पर तत्काल प्रभाव से रोक लग जाएगी। इस फैसले के बाद भारत में भी इसको लेकर चर्चा की जा रही है। ट्रंप के इस फैसले के बाद इसका असर भारत पर कैसे पडे़गा?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट की माने तो इस फैसले से पर्यावरण, स्वास्थ्य और भारत में अमेरिकी दूतावास और USAID द्वारा दशकों से चलाए जा रहे ऐसे अन्य कार्यक्रमों पर असर पड़ने की संभावना है। वहीं ब्रिटेन स्थित दैनिक फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने समीक्षा लंबित रहने तक लगभग सभी मौजूदा विदेशी सहायता कार्यक्रमों पर काम करना तत्काल रोकने का आदेश दिया है।
इस फैसले को देखे तो वैश्विक स्वास्थ्य के मामले में, USAID रोकथाम योग्य बाल और मातृ मृत्यु को समाप्त करने और केंद्र सरकार तथा निजी क्षेत्र के बढ़ते हुए साझेदारों के साथ साझेदारी में एड्स और तपेदिक मुक्त पीढ़ी बनाने का समर्थन करता है। इस वक्त भारत में वैश्विक तपेदिक के 26% मामले हैं और यह दुनिया में बहुऔषधि प्रतिरोधी तपेदिक के सबसे अधिक बोझ वाले देशों में से एक है। USAID ने पूरे देश में GeneXpert रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्टिंग मशीनें शुरू कीं हैं।
शनिवार को मीडिया से बात करते हुए अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए समीक्षा कर रहे हैं कि जूदा फंड पर कार्यकारी आदेशों का असर पड़ेगा या नहीं। फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा।शुक्रवार को विदेश विभाग और USAID को भेजे गए केबल में रुबियो ने कहा कि सभी नए विदेशी सहायता वितरण को निलंबित कर दिया जाना चाहिए, और अनुबंध अधिकारियों और अनुदान अधिकारियों को ‘तत्काल काम रोकने के आदेश जारी करने की आवश्यकता है… जब तक कि सचिव समीक्षा के बाद निर्धारित नहीं कर देते। USAID अमेरिकी सरकार की फीड द फ्यूचर, ग्लोबल हेल्थ और ग्लोबल क्लाइमेट चेंज पहलों के माध्यम से महत्वपूर्ण विकास चुनौतियों का समाधान करने के लिए भारत के साथ साझेदारी करता है।
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