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India News (इंडिया न्यूज), Airstrikes in Yemen: यमन के हूती विद्रोहियों से एक बड़ी जानकारी सामने आई हैं जहां अमेरिका और ब्रिटेन के नागिरकों को बुधवार को चेतावनी दिया हूती ग्रुप ने कहा कि यूएस और ब्रिटेन के लोग 30 दिनों के भीतर देश छोड़ दें। यह चेतावनी ईरान-गठबंधन विद्रोही समूह के सैन्य ठिकानों के खिलाफ संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन के द्वारा किए गए हमलों के बाद आया है, जो लाल सागर में औद्योगिक जहाजों पर हमले शुरू कर रहा है। हूतियों ने कहा है कि वे गाजा में हमास के खिलाफ तेल अवीव के युद्ध के बीच इजरायल से जुड़े जहाजों को निशाना बना रहे हैं। इससे पहले अमेरिकी सरकार ने फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए हूतियों को उसके हमलों के बीच एक आतंकवादी समूह करार दिया था।
हूति विदेश मंत्रालय के ओर से यमन में संयुक्त राष्ट्र के कार्यवाहक मानवीय समन्वयक को भेजे गए एक पत्र में कहा गया कि, “मंत्रालय इस बात पर जोर देना चाहता है कि आपको अमेरिकी और ब्रिटिश नागरिकता वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को 30 दिनों के भीतर देश छोड़ने के लिए तैयार होने के लिए सूचित करना चाहिए। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुतीबक, पत्र में विदेशी संगठनों को यमन के संचालन के लिए अमेरिकी और ब्रिटेन के नागरिकों को काम पर नहीं रखने का भी आदेश दिया है।
वहीं, अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में कहा कि वह पत्र के बारे में रिपोर्टों से अवगत था, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार, “संयुक्त राष्ट्र या यमन में मानवीय संगठनों की ओर से यह नहीं कहा जा सकता कि उन्हें हूती अधिकारियों से क्या मिला होगा। इसी बीच ब्रिटिश दूतावास ने कहा कि, कर्मचारियों को अभी तक जाने के लिए नहीं कहा गया है। यमन में ब्रिटिश मिशन ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र यमनी लोगों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करता है। उन्हीं समुद्री मार्गों के माध्यम से जिन्हें हूती खतरे में डाल रहे हैं।”
अमेरिका का समर्थन करने वाला और सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन के खिलाफ लगभग एक दशक के युद्ध के बाद हूतियों ने यमन के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण कर लिया है। युद्ध न-युद्ध, न-शांति” गतिरोध में बदल गया है क्योंकि लड़ाई काफी हद तक रुक गई है। हूती हमलों के जवाब में अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन में दर्जनों हवाई हमले किए हैं।
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