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India News (इंडिया न्यूज), Ajit Doval China Visit : भारत और चीन के बीच रिश्ते कैसे हैं ये बात सभी को पता है। सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों की सेना तक आमने-सामने आ गई थीं। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि दोनों देशों के बीच सब ठीक हो रहा है। एशिया के दो शक्तिशाली देश अब आपस में मिल बैठ और बातचीत कर शांति की राह तलाश रहे हैं। ड्रैगन के सुर भी बदलते हुए नजर आ रहे हैं। शायद यही वजह है कि भारत के साथ कंधे में कंधा मिलाकर सीमा विवाद सुलझाने के लिए काम कर रहा है। इसी को लेकर मंगलवार को अजीत डोभाल बीजिंग पहुंचे तो उनके स्वागत में चीन ने रेड कार्पेट बिछा दिया । गलवान कांड के बाद अजीत डोभाल की चीन की पहली यात्रा है।
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बुधवार को भारत-चीन विशेष प्रतिनिधि (एसआर) वार्ता होगी। इस वार्ता में अजीत डोभाल अपने चीनी समकक्ष और विदेश मंत्री वांग यी के साथ विशेष प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। इस वार्ता में पूर्वी लद्दाख से सैनिकों की वापसी और गश्त को लेकर दोनों देशों के बीच 21 अक्टूबर को हुए समझौते के बाद द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। इस वार्ता का उद्देश्य पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के कारण चार साल से अधिक समय तक प्रभावित रहे द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करना है।
चीन के मिजाज में आए इस परिवर्तन को कई लोग समझ नहीं पा रहे हैं। अब सवाल है कि आखिर चीन का अचानक यह हृदय परिवर्तन क्यों? जानकर इसके पीछे डोनाल्ड ट्रंप को बता रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप चीन के कट्टर आलोचक रहे हैं। वह 20 जनवरी को जैसे ही राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठेंगे, जिसके बाद से चीन के खिलाफ एक्शन शुरू हो जाएगा। ट्रंप चीन के ऊपर भारी टैरिफ और पाबंदियां लगाने की सोच रहे हैं।
इसके चलते चीन नहीं चाहता कि वह विश्व पटल पर अमेरिका के सामने अलग-थलग पड़े। साथ ही उसे पता है कि भारत भी एक उभरता हुई महाशक्ति है। उसका बाजार बहुत बड़ा है। उससे उलझने का मतलब है कई मोर्चों पर कमजोर पड़ना।
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