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India News (इंडिया न्यूज), Syrian Civil War: दुनिया के सबसे पुराने बसे शहरों में से एक अलेप्पो पर हमला हो गया है। सीरियाई विपक्षी विद्रोही समूहों ने हाल ही में अलेप्पो पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया और शहर को सरकारी नियंत्रण से छीन लिया। यह हमला दो दिशाओं से किया गया, जिसमें विद्रोहियों ने आसानी से अलेप्पो पर कब्ज़ा कर लिया, क्योंकि सरकारी बलों ने ज्यादा प्रतिरोध नहीं दिखाया। इसके बाद विद्रोही समूहों ने हामा प्रांत और इदलिब के आस-पास के ग्रामीण इलाकों में भी अपनी स्थिति मज़बूत कर ली।
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, इस हमले में शामिल विद्रोही समूह मुख्य रूप से हयात तहरीर अल-शाम (HTS) थे, जिसे अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है। यह समूह पहले अल-कायदा का हिस्सा था, लेकिन 2016 में इससे अलग हो गया। इसके अलावा सीरियाई क्रांति और विपक्षी बलों के राष्ट्रीय गठबंधन ने इदलिब के उत्तर से एक अलग हमला किया। इस हमले में तुर्की समर्थित सीरियाई राष्ट्रीय सेना या फ्री सीरियन आर्मी भी शामिल है। इस घटनाक्रम के बाद दुनिया दो हिस्सों में बंटी हुई नजर आ रही है। इसके पीछे की कई वजहें बताई जा रही है। इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध विराम ने विद्रोहियों को अपनी रणनीति को अंजाम देने का मौका दिया।
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, रूस सीरिया की असद सरकार का मुख्य समर्थक है और फिलहाल यूक्रेन में व्यस्त है। इससे विद्रोहियों को एक और मौका मिल गया। इजरायल के हवाई हमलों ने ईरान समर्थित बलों और हिजबुल्लाह की स्थिति को कमजोर कर दिया है। इससे विद्रोहियों को भी मौका मिल गया और उन्होंने हमला करना शुरू कर दिया। बता दें कि, अलेप्पो सीरिया का दूसरा सबसे बड़ा शहर और ऐतिहासिक वाणिज्यिक केंद्र है। रणनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से विद्रोहियों और सरकारी बलों के लिए इस शहर पर नियंत्रण बेहद महत्वपूर्ण है। 2016 में रूस की मदद से असद सरकार ने विद्रोहियों से अलेप्पो को छीन लिया था, लेकिन अब विद्रोहियों ने इसे फिर से अपने कब्जे में ले लिया है। यह सरकार के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।
रूस और ईरान को सीरिया की असद सरकार का समर्थक माना जाता है। ईरान ने हाल ही में सीरियाई सेना में सैकड़ों लड़ाके भेजे हैं। हिजबुल्लाह को भी सीरिया समर्थक कहा जाता है। हालांकि फिलहाल उत्तरी सीरिया में लड़ाके भेजने की कोई योजना नहीं है, लेकिन हिजबुल्लाह को भी असद सरकार का समर्थक माना जाता है। इसके अलावा कुछ देश विद्रोहियों के समर्थक भी है। उनमें से सबसे पहला नाम तुर्की का आता है। बताया जाता है कि, तुर्की विद्रोही समूहों का समर्थन करता है और उसने उत्तर-पश्चिमी सीरिया में अपने सैनिकों को तैनात किया है। संयुक्त राज्य अमेरिका कुर्द नेतृत्व वाली सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्सेस (एसडीएफ) का समर्थन करता है। इसके अलावा बताया जा रहा है कि, इजरायल सीरिया में हवाई हमले कर रहा है, खासकर ईरानी और हिजबुल्लाह के ठिकानों पर।
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