India News (इंडिया न्यूज), Soviet-era Combat: अमेरिका ने कजाकिस्तान से 81 सोवियत-युग के लड़ाकू और बमवर्षक विमान खरीदे हैं। जिसने हाल ही में 117 सैन्य विमानों की नीलामी की है, जिनमें मिग-31 इंटरसेप्टर, मिग-27 लड़ाकू-बमवर्षक, मिग-29 लड़ाकू और एसयू-24 बमवर्षक शामिल हैं। साल 1970 और 1980 के दशक के ये विमान कुल एक अरब कजाकिस्तानी टेन्ज़ लगभग $2.26 मिलियन में बेचे गए थे। कजाकिस्तान, जो ऐतिहासिक रूप से रूस का करीबी सहयोगी है। परंतु पश्चिमी हितों के साथ तेजी से जुड़ रहा है, अपने हवाई बेड़े को उन्नत कर रहा है। आधुनिक युद्ध के लिए अनुपयोगी समझे जाने वाले पुराने विमानों का निपटान कर रहा है।

रूस के सहोयगी से अमेरिका ने ख़रीदा विमान

दरअसल, ऑफशोर कंपनियों के जरिए की गई बिक्री ने अमेरिकी उद्देश्यों के बारे में अटकलें तेज कर दी हैं। जिसमें यूक्रेन में विमान के संभावित उपयोग भी शामिल है, जहां इसी तरह के मॉडल अभी भी परिचालन में हैं। एक यूक्रेनी टेलीग्राम चैनल की एक रिपोर्ट के अनुसार विमान का इस्तेमाल या तो स्पेयर पार्ट्स के लिए या रणनीतिक रूप से दुश्मन के लक्ष्यीकरण को भ्रमित करने के लिए हवाई क्षेत्रों में डिकॉय के रूप में किया जा सकता है। ऐसा तब हुआ है जब यूक्रेन ने रूसी आक्रामकता के खिलाफ अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सोवियत काल के हथियारों पर भरोसा करना जारी रखा है, उन्हें पश्चिमी तकनीक के साथ एकीकृत किया है।

UK Couple: यूके के कपल ने छोड़ी नौकरी, बच्चों के साथ करोड़ों की यॉट पर रहने के लिए किया फैसला -India News

शीत युद्ध के समय के विमान

दरअसलम मिग-31 एक सुपरसोनिक इंटरसेप्टर विमान है जो शीत युद्ध के दौरान सोवियत हवाई क्षेत्र की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण था। मिग-27, मिग-23 का व्युत्पन्न मुख्य रूप से जमीनी हमले की भूमिकाओं में काम करता था। सोवियत-अफगान युद्ध के दौरान व्यापक उपयोग देखा गया था। मिग-29 अपनी हवा से हवा में मार करने की क्षमता के कारण कई वायु सेनाओं में सक्रिय रहता है। साथ ही एसयू-24 एक हर मौसम में रणनीतिक बमवर्षक है, जो अभी भी रूसी और यूक्रेनी वायु सेनाओं सहित विभिन्न देशों में सक्रिय है।

Prajwal Revanna: पूर्व पीएम देवेगौड़ा के पोते को क्यों छोड़ना पड़ा भारत, जानें क्या है सेक्स स्कैंडल मामला? -India News