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India News (इंडिया न्यूज), Bangladesh Election: भारत के पडोसी मुल्क बांग्लादेश में छात्र आंदोलन ने ऐसा हिंसक रूप लिया की 5 अगस्त को पुरे देश में राजनीतिक उथल-पुथल आ गई। इसकी सबसे बड़ी वजह तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को तख्तापलट करना था। जिसके बाद बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन किया गया। हालांकि तब से ही हर कोई चुनाव के इंतजार में है, ताकि देश में फिर से लोकतांत्रिक सरकार हो। वहीं अब अंतरिम सरकार ने देश में चुनाव कराने के संकेत दिए हैं। अंतरिम सरकार के सलाहकार डॉ. आसिफ नजरुल की ओर से कहा गया कि अगले एक साल के भीतर चुनाव कराए जा सकते हैं, लेकिन इसमें कई कारक हैं।
कानून, न्याय और संसदीय मामलों के मंत्रालय के मंत्री डॉ. आसिफ नजरुल ने कहा कि चुनाव की दिशा में सुधार और राजनीतिक समझौते जरूरी हैं। अन्य कारकों में सर्च कमेटी और चुनाव आयोग का गठन, मतदाता सूची तैयार करना आदि शामिल हैं। अगर ये सभी कारक पूरे होते हैं तो अगले साल चुनाव कराए जा सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि चुनाव बहुत महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले होते हैं। इसका समय मुख्य सलाहकार के नेतृत्व में तय किया जाएगा। इसकी घोषणा करने का अधिकार सिर्फ उन्हें ही है। दरअसल, बांग्लादेश इस समय अस्थिर राजनीतिक स्थिति से गुजर रहा है। अगस्त के पहले हफ्ते में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा था। वे इस समय भारत में रह रही हैं।
बता दें कि, बांग्लादेश में कोटा व्यवस्था को खत्म करने के लिए हुए विरोध प्रदर्शनों के कारण शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा था। इन विरोध प्रदर्शनों ने कुछ समय बाद हिंसा का रूप ले लिया। इस उथल-पुथल के दौरान बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं को निशाना बनाकर कई हिंसक घटनाएं और अराजकता देखी गई। दरअसल, विरोध प्रदर्शनों और झड़पों के दौरान 600 से अधिक लोगों की मौत हो गई। जिसके बाद 8 अगस्त को नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मुहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली। साथ ही अंतरिम सरकार ने देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेना की शक्तियों का विस्तार किया है।
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