होम / शेख हसीना की जानी दुश्मन के अरमानों पर फिरा पानी, मोहम्मद युनूस के इस कदम से बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी को लगा जोर का करंट

शेख हसीना की जानी दुश्मन के अरमानों पर फिरा पानी, मोहम्मद युनूस के इस कदम से बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी को लगा जोर का करंट

Sohail Rahman • LAST UPDATED : September 17, 2024, 8:49 am IST

Muhammad Yunus (मोहम्मद युनूस)

India News (इंडिया न्यूज), Muhammad Yunus: बांग्लादेश में शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद मामला शांत होता नजर नहीं आ रहा है। अभी बांग्लादेश में मोहम्मद युनूस की अंतरिम सरकार चल रही है। लोगों को इनसे जो उम्मीदें थी। वो अभी पूरा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। अब बांग्‍लादेश में नया खेल होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। मोहम्मद युनूस की अंतरिम सरकार अभी कुछ दिन और चुनाव कराने के मूड में नहीं है। खाल‍िदा ज‍िया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) इसमें खुद के ल‍िए रास्‍ता देख रही थी। लेकिन अब बीएनपी की सांसें फूलने लगी हैं। उन्हें ये डर सताने लगा है कि कहीं हमेशा के लिए यही सरकार न रह जाएं। क्‍योंक‍ि ज‍िस तरह अंतर‍िम सरकार जड़ें फैला रही है, वो बांग्लादेश की बीएनपी पार्टी के लिए शुभ संकेत नहीं लग रहे हैं। 

इस सर्वे ने शेख हसीना की पार्टी की उड़ाई नींद 

इस बीच एक सर्वे बांग्‍लादेश की मीडिया में पब्‍ल‍िश हुआ है, जिसमें दावा क‍िया जा रहा है क‍ि देश की 80 फीसदी आबादी अंतर‍िम सरकार के कामकाज से खुश है और चाहती है क‍ि यही सरकार हमेशा के ल‍िए बनी रहे। द डेली स्‍टार की रिपोर्ट के मुताबिक बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा कि जनता लंबे समय तक अंतरिम सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। एक सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि 80 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि यह सरकार जब तक चाहे तब तक बनी रहे। मुझे नहीं पता कि सर्वे कैसे क‍िया गया, क‍िसने क‍िया, लेकिन बांग्‍लादेश के लोग ऐसा बिल्‍कुल भी नहीं चाहते हैं। हम आपको जानकारी के लिए बता दें क‍ि इस सर्वे को BRAC इंस्‍टीट्यूट द्वारा कंडक्ट करवाया गया था। 

ऑटोग्राफ, सेल्फी और नीरज चोपड़ा! यूरोपीय लड़कियों में दिखी देशी बॉय की दीवानगी

अब बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने किया आखिरी डिमांड 

खालिदा जिया की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की सारी उम्मीदों पर पानी फीड़ गया है। बीएनपी जल्द से जल्द से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना चाहती है। और देश में एक चुनी हुई सरकार बने। चुने हुए जनप्रत‍िन‍िध‍ि ही ये फैसला लें क‍ि कौन से सुधार जरूरी हैं। संसद को ही निर्णय लेना चाह‍िए। संव‍िधान में बदलाव लाया जाए या फ‍िर नया संविधान लिखा जाए, ये सबकुछ निर्णय करने का अध‍िकार सांसदों को ही है।

फखरुल ने कहा, मुझे बहुत आश्चर्य होता है जब मैं देखता हूं कि हाई प्रोफाइल लोग जो समाज में महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हैं, भ्रामक बयान दे रहे है।  मैं इस बात से हैरान हूं कि इस सरकार द्वारा जिन लोगों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, उनमें से कुछ अब कह रहे हैं कि एक नई पार्टी के गठन की जरूरत है। उन्हें यह अधिकार किसने दिया? उन्हें नई पार्टी बनाने का जनादेश कहां से मिला? “हम लोग कैसे भरोसा करें कि वे निष्पक्षता से काम कर रहे हैं?

माता-पिता से कम नहीं केजरीवाल की होनहार बेटी, राजनीति में आने से पहले ही कर दिया ये बड़ा खेल!

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT