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India News (इंडिया न्यूज), Bangladesh: बांग्लादेश इस समय बुरे दौर से गुजर रहा है वहीं इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है एक रिपोर्ट के अनुसार, 18 अगस्त को बांग्लादेश के सुनामगंज जिले के ताहिरपुर उपजिला के चिक्सा गांव के मुसलमानों ने शादी, जन्मदिन या किसी अन्य कार्यक्रम में संगीत बजाने पर प्रतिबंध लगा दिया। यह निर्णय लिया गया है कि जो कोई भी संगीत या कोई भी वाद्य यंत्र बजाएगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस नियम को गांव के बुजुर्गों ने लागू किया।
देश रूपंतोर की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह नियम इसलिए लागू किया गया क्योंकि सामाजिक कार्यक्रमों के दौरान तेज आवाज में संगीत बजाया जाता था, जिससे गांव में मरीज, बुजुर्ग और बच्चे परेशान होते थे। इसके अलावा, चूंकि इस्लाम में संगीत वर्जित है, इसलिए बुजुर्गों ने यह नियम लागू करने का फैसला किया कि अब कोई भी शहर में संगीत नहीं बजाएगा। शहर के हिंदू निवासियों ने निर्देशों का विरोध नहीं किया।
यह ध्यान देने योग्य है कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक हैं और शेख हसीना सरकार के पतन के बाद उन पर भी गंभीर हमले हुए हैं। हिंदुओं के घरों और व्यवसायों में तोड़फोड़, हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार, पुरुषों पर हमला और मंदिरों में तोड़फोड़ के कई मामले सामने आए हैं।
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गांव चिक्सा के वार्ड 9 के यूनियन परिषद सदस्य शफीकुल हक ने मीडिया को बताया कि सदर यूनियन में यह गांव सबसे बड़ा है। यहां की 80 फीसदी आबादी मुस्लिम है, जबकि बाकी हिंदू हैं। शादी-ब्याह, जन्मदिन और खतना समारोहों में अक्सर कस्बे में बड़े स्पीकर का इस्तेमाल किया जाता था। तेज आवाज की वजह से हृदय रोगियों, बुजुर्गों और बच्चों को काफी परेशानी होती थी। इसलिए सामूहिक रूप से कार्यक्रमों में संगीत पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया। उन्होंने कहा कि जो लोग इसका पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों ने गांव के सिर्फ मुस्लिम परिवारों के लिए संगीत पर प्रतिबंध लगाया है, हिंदू परिवारों पर नहीं।
In a village of Tahirpur, Sunamganj, Bangladesh, mullahs declared that music would be prohibited from now on. People will be punished if they sing or play any music instrument. #Islamization pic.twitter.com/BBS93Yg3Oj
— taslima nasreen (@taslimanasreen) August 18, 2024
वहीं, लेखिका तस्लीमा नसरीन ने इस जानकारी को साझा करते हुए एक्स पर लिखा, “बांग्लादेश के सुनामगंज के ताहिरपुर गांव में मुल्लाओं ने घोषणा की है कि अब से संगीत पर प्रतिबंध रहेगा। अगर लोग कोई संगीत वाद्य बजाएंगे या गाएंगे तो उन्हें दंडित किया जाएगा।” उन्होंने इसे गांव का “इस्लामीकरण” बताया। संगीत पर प्रतिबंध की यह खबर ऐसे समय में आई है जब बांग्लादेश राजनीतिक उथल-पुथल से गुजर रहा है। 5 अगस्त को हिंसक प्रदर्शनों के बाद बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और भारत भाग गईं। बांग्लादेशी सेना के सत्ता संभालने के बाद देश में अंतरिम सरकार का गठन किया गया। तब से देश भर में हिंदुओं पर हमले कई गुना बढ़ गए हैं।
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