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India News (इंडिया न्यूज), Muhammad Yunu: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत में सेवा दे रहे अपने दो डिप्लोमेट को नौकरी से निकाल दिया है। दिल्ली स्थित बांग्लादेश हाई कमीशन में फर्स्ट सेक्रेटरी (प्रेस) के तौर पर अपनी सेवा दे रहे शाबान महमूद को उनका कॉन्ट्रेक्ट ख़त्म होने से पहले इस्तीफा देने के लिए कहा गया है। ठीक इसी तरह कोलकाता में बांग्लादेशी कॉन्सुलेट में अपनी सेवा दे रहे रंजन सेन को भी उनके कर्तव्यों से बर्खास्त कर दिया गया है।
मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन किया गया था। जब शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़कर भाग गई थी। जब ढाका की सड़कों पर लोग प्रदर्शन कर रहे थे। तभी 5 अगस्त को शेख हसीना हेलीकॉप्टर से भारत भाग गई थी। उनके 15 सालों के कार्यकाल का आखिरकार अंत हो गया। उनके कार्यकाल में मानवाधिकारों का जमकर मखौल उड़ाया गया था। कई सप्ताह तक चले प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों लोगों की मौत हो गयी थी।
मोहम्मद यूनुस के द्वारा बांग्लादेश की सत्ता संभालने के बाद लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। लोगों के प्रदर्शन की वजह से मोहम्मद यूनुस को भी अपने घर में नजरबंद होना पड़ा था। शेख हसीना के भारत भागने के बाद यूनुस ने कहा कि, “उनकी सरकार सभी देशों के साथ फ्रेंडली रिश्ता रखेगी। इस महीने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संदेश देते हुए यूनुस ने कहा था कि बांग्लादेश को बनाने और पूर्ण रूप से लोकतंत्र स्थापित करने के लिए हमारी मदद करें। उन्होंने सभी डिप्लोमेट्स को ये भरोसा दिलाया कि बांग्लादेश विदेशी नीति के मामले में सभी का सहयोग करेगी।
बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के द्वारा सत्ता संभालने के बावजूद भी वहां लोगों का प्रदर्शन ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि अगर मोहम्मद यूनुस लोगों के पक्ष में काम कर रहे हैं, तो लोगों का प्रदर्शन क्यों नहीं रुक रहा है। यूनुस के निर्णयों को अगर देखें तो वो बदले की भावना से की गई कार्रवाई लगती है। ऐसे में भारत में कार्यरत दो डिप्लोमेट्स को नौकरी से निकालने की वजहों का पता अब तक नहीं चल पाया है। शायद मोहम्मद यूनुस अपने मनपसंद लोगों को नौकरी में लगाना चाहते हैं।
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