Sharif Osman Hadi: बांग्लादेश के लोग एक बार फिर सड़कों पर उतर गए हैं. इसकी वजह एक 32 साल का लड़का है. बता दें कि स्टूडेंट लीडर शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद गुरुवार को पूरे बांग्लादेश में देर रात तक विरोध प्रदर्शन हुए. शेख हसीना सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान एक अहम लीडर और इंकलाब मंच के कन्वीनर हादी को पिछले हफ्ते 12 फरवरी के आम चुनावों के लिए कैंपेन करते समय सिर में गोली मार दी गई थी. उन्हें पहले ढाका मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, लेकिन बाद में उन्हें सिंगापुर शिफ्ट कर दिया गया, जहां गुरुवार (18 दिसंबर) को उनकी चोटों की वजह से मौत हो गई.
सिंगापुर में चल रहा था इलाज
सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “मिस्टर शरीफ उस्मान हादी को 15 दिसंबर 2025 को इमरजेंसी मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए बांग्लादेश से हवाई जहाज से सिंगापुर जनरल हॉस्पिटल (SGH) न्यूरोसर्जिकल इंटेंसिव केयर यूनिट ले जाया गया था. SGH और नेशनल न्यूरोसाइंस इंस्टीट्यूट के डॉक्टरों की पूरी कोशिशों के बावजूद, मिस्टर हादी की 18 दिसंबर 2025 को चोटों की वजह से मौत हो गई.”
शरीफ उस्मान हादी कौन थे?
32 साल के हादी शेख हसीना के कट्टर आलोचक थे और उन्होंने बांग्लादेश में जुलाई में हुए विद्रोह में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था, जिसके कारण पूर्व प्रधानमंत्री को पद से हटा दिया गया था. अवामी लीग के मुखर आलोचक हादी, हसीना की पार्टी को खत्म करने की कोशिशों में सबसे आगे थे. उनके ग्रुप, इंकलाब मंच ने भी बांग्लादेश में भारत विरोधी भावनाओं को बढ़ावा दिया. यह ध्यान देने वाली बात है कि सत्ता से हटाए जाने के बाद हसीना भारत में हैं. हादी ढाका की एक सीट से आने वाले आम चुनाव लड़ने की भी योजना बना रहे थे. हालांकि, यूनुस सरकार ने उनकी पार्टी को चुनाव लड़ने से रोक दिया है.
हादी की हत्या की जांच के आदेश
यूनुस सरकार फिलहाल हादी की हत्या की जांच कर रही है और कसम खाई है कि हत्यारों को बख्शा नहीं जाएगा. शनिवार को राजकीय शोक की घोषणा करते हुए यूनसू ने कहा, “हादी हारे हुए फासीवादी आतंकवादी ताकतों के दुश्मन थे. हम उन लोगों को फिर से हराएंगे जिन्होंने उनकी आवाज दबाने और क्रांतिकारियों में डर पैदा करने की कोशिश की.” पुलिस ने मुख्य संदिग्ध फ़ॉयसल करीम मसूद के परिवार को गिरफ्तार कर लिया है, जिसमें उसकी पत्नी भी शामिल है. इस बीच, हादी के समर्थकों ने उसकी हत्या के लिए भारत को ज़िम्मेदार ठहराया है और आरोप लगाया है कि घटना के बाद हत्यारे पड़ोसी देश भाग गए. उन्होंने यूनुस सरकार से ढाका में भारतीय हाई कमीशन को बंद करने की भी मांग की है.
गुरुवार देर रात हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान, कुछ प्रदर्शनकारियों ने भारत विरोधी नारे भी लगाए और हसीना के अवामी लीग ऑफिस को भी निशाना बनाया. जब से बांग्लादेश में यूनुस सरकार सत्ता में आई है, उस पर इस्लामवादियों के बढ़ने का आरोप लगाया जाता रहा है.