Bangladesh: बांग्लादेश में एक और हिंदू युवक की हत्या की खबर आई है. पुलिस के मुताबिक नोमान मियां नाम के एक आदमी ने मैमनसिंह जिले में 40 साल के बिजेंद्र बिस्वास की हत्या कर दी. पुलिस ने 22 साल के नोमान को गिरफ्तार कर लिया है. यह घटना 29 दिसंबर को शाम करीब 6 बजे हुई. बिजेंद्र और नोमान एक गारमेंट फैक्ट्री में सिक्योरिटी गार्ड थे. पिछले 12 दिनों में बांग्लादेश में तीन हिंदुओं की हत्या हो चुकी है.
लगातार बढ़ रही है हिंसा
ग्यारह दिन पहले, मैमनसिंह जिले में दीपू चंद्र दास नाम के एक हिंदू युवक की हत्या कर दी गई थी. 24 दिसंबर को, राजबाड़ी जिले में अमृत मंडल उर्फ सम्राट को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला. बांग्लादेश में हिंदू माइनॉरिटी के खिलाफ हिंसा लगातार बढ़ रही है. स्टूडेंट लीडर उस्मान शरीफ हादी की मौत के बाद से देश में उथल-पुथल मची हुई है. कई जिलों में हिंदुओं के घरों में आग लगाने की घटनाएं भी सामने आई हैं.
दीपू और अमृत की हत्या कैसे हुई?
18 दिसंबर को, मैमनसिंह जिले के भालुका इलाके में दीपू चंद्र दास को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला. बाद में दीपू की बॉडी को फांसी पर लटकाकर जला दिया गया. उस पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया. इस घटना के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए. अंतरिम सरकार के चीफ मोहम्मद यूनुस ने कहा कि सरकार मरने वाले की पत्नी, छोटे बच्चों और माता-पिता की ज़िम्मेदारी लेगी. पुलिस ने अब तक इस मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया है.
अमृत, जिसकी 24 दिसंबर को हत्या हुई थी, 29 साल का था. पुलिस ने बताया कि लोकल लोगों ने अमृत मंडल पर जबरन वसूली का आरोप लगाया, जिसके कारण भीड़ ने हिंसा की.
7 हिंदू घरों में लगाई गई आग
चटगांव के रौजान इलाके में पांच दिनों के अंदर सात हिंदू परिवारों के घर जला दिए गए. पुलिस ने अब तक पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. रौजान पुलिस स्टेशन के इंचार्ज सजेदुल इस्लाम ने कहा कि दूसरे आरोपियों की तलाश में रेड जारी है.
बांग्लादेश में डर का माहौल
हिंसा और आगजनी की इन घटनाओं ने बांग्लादेश में डर का माहौल बना दिया है. 12 दिसंबर को ढाका में इंकलाब मंच के नेता शरीफ उस्मान हादी को गोली मार दी गई थी. सिंगापुर में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. उसी शाम, भीड़ ने डेली स्टार और प्रथम आलो के ऑफिस में आग लगा दी. लंबे समय से चल रहे कल्चरल ऑर्गनाइजेशन छायानत और उदिची शिल्पी गोष्ठी के ऑफिस में भी आग लगा दी गई.
यूनुस के ऑफिस ने एक बयान जारी कर कहा कि आरोपों या अफवाहों के बहाने हिंसा को मंजूरी नहीं दी जा सकती. इस बीच, ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन ऐन ओ सलीश केंद्र ने बताया कि 2025 में अब तक बांग्लादेश में हिंसा में 184 लोग मारे गए हैं.