Bangladesh Violence: बीती सात जुलाई को बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ विद्रोह के करने वाले प्रमुख नेता शरीफ उस्मान हादी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मौत के बाद वहां हालात डरावने बने हुए हैं. बांग्लादेशी कट्टरपंथियों ने वहां मौत का तांडव शुरू कर दिया और ढाका से लेकर चटगांव तक कई जगहों पर आगजनी और हिंसा की. इसी बीच एक भयावह घटना सामने आई, सभी को झकझोर कर रख दिया. दरअसल भीड़ ने एक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की पीट-पीटकर हत्या कर दी. कट्टरपंथी यहीं नहीं रुके, उन्होंने दीपू के शव को सरेआम चौराहे के एक पेड़ पर टांग दिया और फिर आग के हवाले कर दिया.
कौन था दीपू चंद्र दास?
बता दें कि दीपू चंद्र दास क 30 वर्षीय हिंदू युवक था. उसकी हत्या बांग्लादेश के मैमनसिंह जिले के भालुका उपजिले में की गई. वो स्थानीय कपड़े की फैक्ट्री में काम किया करता था. वह भालुका के दुबालिया इलाके में किराए के मकान में रहता था. भालुका पुलिस स्टेशन के ड्यूटी ऑफिसर ने एक इंटरव्यू में बताया कि गुरुवार रात लगभग 9 बजे गुस्साए लोगों के ग्रुप ने पैगंबर का अपमान करने के आरोप में दीपू चंद्र दास को पकड़ लिया. उसके साथ मारपीट कर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद उन्होंने उसके शरीर को पेड़ पर लटका कर जला दिया.
क्यों की गई दीपू की हत्या?
जानकारी के अनुसार, कट्टरपंथी भीड़ ने दीपू पर इस्लाम का अपमान करने का आरोप लगाया और उसके साथ मारपीट की. सोशल मीडिया पर मारपीट के कई वीडियो भी सामने आए, जिससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह घटना कितनी भयावह रही होगी. वीडियो में लोगों की भीड़ उसे एक चौराहे पर टांग कर आग लगाते हुए नजर आ रही है और लोग लगातार उसकी पिटाई भी कर रहे थे. वीडियो में आसपास बड़ी संख्या में कट्टर पंतियों की भीड़ दिखाई दी. पुलिस का दूर-दूर तक कोई नामोनिशान नहीं था.
क्या कह रही स्थानीय लोग और मीडिया
बता दें कि स्थानीय लोगों के हवाले से बांग्लादेशी बंगाली मीडिया आउटलेट बार्ता बाजार की तरफ से जारी रिपोर्ट में बताया गया कि दीपू पर वर्ल्ड अरबी भाषा दिवस के मौके पर फैक्ट्री में एक कार्यक्रम के दौरान इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था. इसी कारण गुरुवार को गुस्साई भीड़ ने उसे पीटा, जिसके बाद कथित तौर पर उसकी मौके पर ही मौत हो गई.