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India News(इंडिया न्यूज),Belgium: बेल्जियम से एक बड़ी खबर सामने आ रही है जहां सेक्स वर्कर्स के लिए रोजगार अनुबंधों पर एक श्रम कानून को मंजूरी दे दी है। जानकारी के लिए बता दें कि ऐसा करने वाला यह दुनिया का पहला देश है। एक रिपोर्ट की माने बेल्जियम की संसद ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को इस कानून को मंजूरी दे दी। वहीं जिसके पक्ष में 93 वोट पड़े, 33 ने मतदान में भाग नहीं लिया और इसके खिलाफ कोई वोट नहीं पड़ा।
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वहीं इस मामले में जारी एक रिपोर्ट की माने तो इस कानून के तहत, सेक्स वर्कर्स स्वास्थ्य बीमा, पेंशन, बेरोज़गारी और पारिवारिक लाभ, छुट्टियाँ और मातृत्व अवकाश पाने की हकदार होंगी। कानून में कर्मचारी को कुछ अधिकार और नियोक्ता को कुछ शर्तें दी गई हैं, जैसे कि किसी ग्राहक या यौन क्रिया को मना करने का अधिकार और किसी भी समय बर्खास्तगी या दंड के डर के बिना यौन क्रिया को बाधित करने का अधिकार। इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि कानून के तहत, सेक्स वर्कर अपनी इच्छानुसार यौन क्रिया करने के भी हकदार हैं और बिना किसी नोटिस अवधि के किसी भी समय अपना अनुबंध समाप्त भी कर सकते हैं और बेरोजगारी लाभ के अपने अधिकार को नहीं खोएंगे।
मिली जानकारी के लिए बता दें कानून के तहत श्रमिकों की गुमनामी की रक्षा की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सेक्स वर्कर भेदभाव के डर के बिना अन्य नौकरियों के लिए आवेदन कर सकें। कानून के अनुसार, यदि कोई वेश्या छह महीने की अवधि में दस बार से अधिक किसी ग्राहक को मना करती है, तो दलाल (वेश्याओं के लिए ग्राहक लाने वाला व्यक्ति) सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर सकता है, लेकिन कर्मचारी को बर्खास्त नहीं कर पाएगा। इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि दलालों को सेक्स वर्करों को उस कमरे में अलार्म बटन प्रदान करना होगा जहां यौन सेवाएं प्रदान की जाती हैं। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि सेक्स वर्कर्स को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किसी जिम्मेदार व्यक्ति तक पहुंच हो।
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इसके साथ ही बेल्जियम में कई सेक्स वर्कर यूनियनों ने श्रम कानून का स्वागत किया है। यूनियनों में से एक, यूटीएसओपीआई के प्रवक्ता ने द ब्रुसेल्स टाइम्स से बात करते हुए कानून को “बेहद महत्वपूर्ण” बताया, साथ ही कहा कि बेल्जियम यह प्रदर्शित कर रहा है कि इसका उद्देश्य सेक्स वर्कर्स की सुरक्षा करना है, भले ही लोगों के पास इस पेशे के बारे में कोई नैतिक निर्णय क्यों न हो। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि कानून के कार्यान्वयन से यूरोप में ग्राहकों को अपराधी बनाने की हालिया प्रवृत्ति को उलट दिया जा सकता है।
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