India News (इंडिया न्यूज़), Brazil Police: ब्राजील के एक शहर में पुलिस घोड़ों पर गश्त नहीं करती। बल्कि ये एक खास तरह की भैंस गश्त है. ताकि हम कीचड़ और पानी में भागकर छिपने वाले अपराधियों को पकड़ सकें। इस काम के लिए इन भैंसों को ट्रेनिंग भी दी जाती है।
मराजो द्वीप ब्राज़ील के उत्तर में है। यहीं पर अमेज़न नदी अटलांटिक महासागर से मिलती है। इस द्वीप का आकार लगभग स्विट्जरलैंड के आकार के बराबर है। यहां की पुलिसिंग का तरीका ऐसा है कि यह पूरी दुनिया में चर्चा का विषय है। मराजो द्वीप की सैन्य पुलिस घोड़ों या वाहनों पर सड़कों और खेतों में गश्त नहीं करती है। बल्कि, वह एशियन वॉटर बफ़ेलो की सवारी करते हुए गश्त करती है।
आमतौर पर यह भैंसा भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया जाता है। लेकिन अब इन भैंसों का नया ठिकाना मराजो आइलैंड है। ये भैंसे इस द्वीप तक कैसे पहुंची इसकी कहानी एक रहस्य है। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि ये भैंसें टूटे हुए जहाज के साथ यहां पहुंची थीं। कुछ लोगों का दावा है कि वह फ्रेंच गुयाना से भागे हुए कैदियों के साथ आई थी। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि ये भैंसें वहां कैसे पहुंचीं। लेकिन ये सभी भैंसें बहुत उपयोगी साबित हो रही हैं।
मराजो द्वीप पर इंसानों की कुल संख्या 4.40 लाख है। लेकिन इन भैंसों की संख्या करीब 5 लाख है। इसका मतलब यह है कि द्वीप पर मनुष्यों की तुलना में अधिक एशियाई जल भैंसें हैं। इस क्षेत्र में इन भैंसों का बहुत सम्मान किया जाता है। किसानों की मदद करता है। वहां भैंसों की दौड़ होती है।
इसके अलावा इनका मांस भी खाया जाता है। 19वीं सदी में अमेरिकी सेना में एक रेजिमेंट थी। जिसका नाम बफ़ेलो सोल्जर्स ऑफ़ मराज़ो था। इन भैंसों का इस्तेमाल सबसे पहले बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को खोजने और बचाने के लिए किया जाता था। चाहे कीचड़ हो, पानी हो या मैंग्रोव हो, वह सैनिक को अपने ऊपर बैठाकर ही उसे पार करती है। जबकि यह काम घोड़े या गाड़ियाँ नहीं कर सकते। भैंसों को नियंत्रित करने के लिए सैनिकों को कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है। दरअसल, भैंसों को भी प्रशिक्षित किया जाता है।
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