इंडिया न्यूज, वाशिंगटन।
campaign against Biden : अमेरिका में अब डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रोग्रेसिव धड़े की साख दांव पर है। मध्यमार्गी डेमोक्रेटिक खेमे के दबाव में उन्हें उन तमाम बड़े कार्यक्रमों पर समझौता करना पड़ रहा है, जिन्हें लेकर उन्होंने अपनी खास पहचान बनाई थी। राष्ट्रपति जो बाइडन की 3.5 ट्रिलियन डॉलर की बिल्ड बैक अमेरिका योजना (सॉफ्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर पैकेज) में इन कार्यक्रमों को शामिल किया गया था। लेकिन मध्यमार्गी सांसदों के दबाव में एक के बाद एक ऐसे कार्यक्रम इस योजना से हटा दिए गए हैं।
कहा जा रहा है कि परिवारों को वेतन के साथ अवकाश और मेडिकल छुट्टी देने की योजना भी सॉफ्ट इंफ्रास्ट्रक्चर पैकेज से हटा दी गई है। इसके पहले जलवायु परिवर्तन रोकने के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम इससे हटा दिए गए थे। ऐसी खबर है कि बाइडन अब मध्यमार्गी सांसदों की राय को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। एक टीवी चैनल के मुताबिक मध्यमार्गी सीनेटर जो मेंचिन और क्रिस्टीन सिनेमा को मनाने में नाकाम होने के बाद बाइडन ने ये नजरिया अपना लिया है कि जितना संभव है, उतने पर सहमति बना ली जाए।
इस बीच प्रोग्रेसिव सीनेटरों ने अरबपतियों पर नया टैक्स लगाने का एक प्रस्ताव सामने रखा है। उनका कहना है कि इससे सामाजिक कल्याण और जलवायु परिवर्तन रोकने के कार्यक्रमों के लिए धन जुटाया जा सकता है। प्रस्ताव के मुताबिक नया टैक्स उन लोगों पर लगेगा कि जिनकी संपत्ति एक अरब डॉलर से ज्यादा है या जिनकी सालाना आमदनी दस करोड़ डॉलर से अधिक है।
(Campaign Against Biden)
अमेरिका में एक अरब डॉलर से ज्यादा संपत्ति वाले लगभग 700 लोग हैं। लेकिन वेबसाइट एक्सियोस.कॉम की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रोग्रेसिव खेमे का ये प्रस्ताव मंजूर होने की संभावना भी कम है। पार्टी के मध्यमार्गी सांसद इसके लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में यही लगता है कि इस धड़े ने अपनी छवि बचाने की कोशिश में ऐसा प्रस्ताव सामने रखा है, जिसके मंजूरी होने की गुंजाइश नहीं है।
पर्यवेक्षकों का कहना है कि बिल्ड बैक अमेरिका योजना से शुरुआत में जो उत्साह जगा था, वह अब चूक गया है। प्रोग्रेसिव खेमे के भीतर इसको लेकर बेचैनी का आलम है। उनके समर्थक तबकों से कहा जाने लगा है कि प्रोग्रेसिव सांसद पहले ही काफी झुक चुके हैं।
अब अगर उन्होंने और नरमी दिखाई, तो उनकी कोई साख नहीं बचेगी। प्रोग्रेसिव धड़े की समर्थक वेबसाइट जैकॉबिन.कॉम में छपी एक कड़ी टिप्पणी में प्रोग्रेसिव सांसदों को सलाह दी गई है कि वे समझौते का रुख छोड़ कर जो बाइडन की पूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर योजना को नाकाम कर दें।
(Campaign Against Biden)
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