India News (इंडिया न्यूज), Canada: कनाडा के पीएम भारत के खिलाफ बयान को लेकर लगातार चर्चा में बने हुए हैं। अब ट्रूडो ‘स्वस्तिक’ विवाद को लेकर चर्चा में आए हैं। उन्होने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर उन्होंने कह दिया कि ऐसे नफरत बढ़ाने वाले प्रतीक को वे संसद में दिखाने की इजाजत नहीं दे सकते। करोड़ों हिंदुओं की आस्था के चिह्न पर कनाडा की सरकार बैन लगाने की फिराक में है।
लाया जा चुका है विधेयक
बता दें इस मामले को लेकर विधेयक तक लाया जा चुका है। जो अभी रुका हुआ है। लेकिन लोग इस बात से हैरान हैं कि स्वस्तिक से नफरत का या जंग का कोई लेना देना ही नहीं है। इसे हिन्दुओं में सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। वहीं पश्चिम के कुछ देश इसे बार-बार नाजी जर्मनी के प्रतीक के साथ जोड़ते हैंं।
हेटफुल सिम्बॉल्स में किया शामिल
बता दें साल 2022 में कनाडा की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी ने हेटफुल सिम्बॉल्स पर एक विधेयक लाने की कोशिश की। इस लिस्ट में कई ऐसे प्रतीक थे। जिन्हें मानने वाले लोग नफरत फैलाई और कई मासूम लोगों पर हिंसा की। नफरत फैलाने वाले चिह्नों में स्वस्तिक को भी रखा गया।
स्वस्तिक को लेकर फैलाया जा रहा है भ्रम
इसको लेकर बताया गया कि इसकी वजह से 8 लाख से ज्यादा यहूदियों की मौत हो गई। बता दें यहूदियों की हत्या की जिम्मेदार नाजी पार्टी थी। जिसका चिह्न स्वस्तिक से कुछ हद तक मिलता-जुलता है।
कहा ये भी जा रहा है कि जान-बूझकर ‘स्वस्तिक को हिटलर के नाजी पार्टी के चिह्न हकेनक्रेज से जोड़ा जा रहा है। ताकि लोगों में स्वस्तिक को लेकर भ्रम पैदा हो जाए और स्वस्तिक को लेकर लोग अलग नजरिया अपना लें। ये हिंदू-हेट बढ़ाने का भी एक तरीका है।
स्वस्तिक और हेकेनक्रेउज़ में क्या अंतर है?
स्वस्तिक
- स्वस्तिक शब्द संस्कृत के सु (अच्छा) और अस्ति (प्रबल होना) धातु से बना है, और इसका प्रयोग ऋग्वेद की प्रार्थनाओं में किया गया है, जो कल्याण, समृद्धि या सौभाग्य का संकेत देते हैं।
- यह चार युगों, या चक्रीय मौसमों, जीवन के चार छोरों या उद्देश्यों, अस्तित्व के चार चरणों और हिंदू दर्शन में चार वेदों का प्रतिनिधित्व करने का दावा किया जाता है।
- भारत या दुनिया में रहने वाले करोड़ों हिंदू किसी धार्मिक मौके पर स्वस्तिक बनाते हैं। ये अपने-आप में बहुत पवित्र और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
- ये चिह्न आमतौर पर लाल रंग का होता है, जिसमें बीच में चार सफेद बिंदियां डाली जाती हैं, या फिर सफेद रंग से चिह्न बनाकर लाल बिंदु डाले जाते हैं। जैन और बौद्ध मान्यता में भी सदियों से इसकी धार्मिक मान्यता है।
- स्वस्तिक आमतौर पर फूलों से बनाया जाता है या लाल, पीली या नीली स्याही या पेंट से लिखा जाता है। कई बार इसे सिंदूर या चंदन का प्रयोग करके बनाया जाता है।
- स्वस्तिक दुनिया भर के विभिन्न मंदिरों और धार्मिक समारोहों में पाया जा सकता है, साथ ही कई दक्षिण एशियाई घरों में एक स्वागत चिन्ह के रूप में घर के दरवाजों पर भी लगाया जाता है।
हकेनक्रेज?
- “हकेनक्रूज़” को आम तौर पर यहूदी-विरोध के प्रतीक के रूप में पहचाना जाता है, क्योंकि नाज़ी उत्पीड़न के परिणामस्वरूप प्रलय के दौरान लगभग 11 मिलियन यहूदियों की मृत्यु हो गई थी, और यह आज कई लोगों के लिए आघात का प्रतिनिधित्व करता है।
- ये लाल बैकग्राउंड पर सफेद गोले के भीतर एक काला चिह्न है, जिसे जर्मनी में हकेनक्रेज के अलावा हुक्ड क्रॉस भी कहते हैं। स्वस्तिक से मिलता-जुलता ये चिह्न दाहिनी तरफ से 45 डिग्री पर रोटेट किया हुआ है और चारों ओर लगने वाले 4 बिंदु भी इसमें नहीं हैं।
- ये काले रंग का होता है, जो लाल बैकग्राउंड पर सफेद सर्कल में घिरा रहता है।
- हिटलर ने इसे अपनी नस्ल को बेहतर बताने से जोड़ते हुए कहा कि सारी दुनिया के आर्य इस प्रतीक के नीचे जमा हो जाएं। ये अपील वो समय-समय पर करता रहा और जल्द ही हकेनक्रेज से सारी दुनिया नफरत करने लगी।
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