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India News(इंडिया न्यूज),Chatgpt: बदलती दुनिया के साथ कई सारी चिजें बदल गई है। जहां आजकल चैटजीपीटी लगातार प्रचलन में है। जिसके चलते कई सारे ऑनलाइन कार्य आसान हो गए है। जिसके बाद अब इंग्लैंड के एक न्यायाधीश ने चैटजीपीटी को ‘बहुत उपयोगी’ बताया है क्योंकि उन्होंने हाल ही में अपील न्यायालय के फैसले को लिखते समय इसका उपयोग करने की बात को स्वीकार किया।
इसके बाद चैटजीपीटी की ‘महान क्षमता’ का उल्लेख करते हुए, लॉर्ड जस्टिस बिर्स ने कहा कि, उन्होंने चैटबॉट का उपयोग कर कानून के एक क्षेत्र का सारांश दे रहे थे जिससे वह पहले से परिचित थे।इसके साथ हीं उन्होने कहा कि, मुझे लगता है कि सबसे दिलचस्प बात यह है कि आप इन बड़े भाषा मॉडलों से जानकारी को संक्षेप में प्रस्तुत करने के लिए कह सकते हैं। यह उपयोगी है और इसका उपयोग किया जाएगा और मैं आपको बता सकता हूं, मैंने इसका उपयोग किया है।
चैटजीपीटी के उपयोग के बारे में बतातें हुए लॉर्ड जस्टिस बिर्स ने कहा कि, मैंने चैटजीपीटी से पूछा कि क्या आप मुझे कानून के इस क्षेत्र का सारांश दे सकते हैं, और उसने मुझे एक पैराग्राफ दिया।’मुझे पता है कि उत्तर क्या है क्योंकि मैं एक पैराग्राफ लिखने वाला था जिसमें यह कहा गया था, लेकिन इसने मेरे लिए यह किया और मैंने इसे अपने निर्णय में डाल दिया। यह वहाँ है और यह अत्यंत उपयोगी है। मैं अपने फैसले में जो कुछ भी रखता हूं उसकी पूरी व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेता हूं, मैं किसी और को जिम्मेदारी देने की कोशिश नहीं कर रहा हूं।यह सब एक कार्य था जिसे मैं करने वाला था और जिसका उत्तर मैं जानता था और स्वीकार्य होने के रूप में पहचान सकता था।’
न्यायाधीश, जिनकी टिप्पणियाँ सबसे पहले द लॉ सोसाइटी गजट द्वारा रिपोर्ट की गई थीं। हालांकि इसके साथ हीं लॉर्ड जस्टिस बिर्स ने इस बात पर जोर दिया कि, उन विषयों पर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए जिनके बारे में आप कुछ भी नहीं जानते हैं। ऐसा माना जाता है कि वह ब्रिटिश न्यायपालिका के पहले सदस्य थे जिन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने अपना फैसला लिखने के लिए एआई टूल का इस्तेमाल किया था। इस साल की शुरुआत में, न्यूयॉर्क के दो वकीलों पर चैटजीपीटी द्वारा उत्पन्न फर्जी केस उद्धरणों का उपयोग करने के लिए जुर्माना लगाया गया था, जिससे टूल की ‘मतिभ्रम समस्या’ पर बहस छिड़ गई, जहां यह गलत जानकारी बनाता है।
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