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India News(इंडिया न्यूज),China and Taiwan Tension: इन दिनों चीन और ताइवान के बीच चल रहा मनमोटाव लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। जिसके बाद ताइवान की शीर्ष सरकारी एजेंसी ने सोमवार को अपने एक रिपोर्ट में खुलासा करते हुए कहा कि, चीन के सैन्य शक्ति से मुकाबला करने के लिए ताइवान को अपनी लड़ाकू क्षमताओं और युद्ध रणनीति को विकसित करने की जरूरत है। बता दें कि, ताइवान के मीडिया के रिपोर्ट की माने तो चीन शांतिपूर्ण एकीकरण और बल की मदद से एकीकरण दोनों रणनीतियों का इस्तेमाल कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप कम या उसे थोड़े ज्यादा समय में ताइवान के भू राजनीतिक जोखिम और राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों में बढ़ोतरी होने की आशंका है।
जानकारी के लिए बता दें कि, ताइवान के द्वारा जारी रिपोर्ट में कुछ बातों पर खास ध्यान रखते हुए ये बात मुख्य रुप से शामिल किया गया है कि, CCP की तरफ से डराने-धमकाने और हमलों को सैन्य रणनीति के रूप में इस्तेमाल करने से देश की शक्ति, संचार और मेडिकल सिस्टम खत्म हो जाएंगी। जिसमें कहा गया है कि, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से साल 2027 तक ताइवान के साथ एकजुट होने के लिए सैन्य कार्रवाई करके अपने नेतृत्व को मजबूत करने की कोशिश करने की संभावना को कम करके नहीं आंका जा सकता है।
ताइवान द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार बता दें कि, ताइवान सरकार को CCP की शांतिपूर्ण और सैन्य रणनीति के जवाब में सरकार को नियामक, मानसिक, राजनीतिक और सैन्य तैयारी बढ़ानी चाहिए। जिसके बाद उन्होंने कहा कि, अगर दोनों देशों के बीच स्थिति खराब होती है तो हमलों की पहली लहर भयंकर होगी, इसलिए ताइवान को अपनी रक्षा और असममित क्षमताओं में सुधार करना चाहिए। वहीं एक रिपोर्ट की माने तो सितंबर में चीन की सेना ने 24 घंटे के भीतर ताइवान की ओर 103 फाइटर जेट भेजे थे।
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