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India News (इंडिया न्यूज), China On Israel Iran Conflict: मिडिल ईस्ट में इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने वैश्विक मंच पर चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच हुई मिसाइल और हवाई हमलों की घटनाओं ने पूरे क्षेत्र को अस्थिरता की ओर धकेल दिया है। इन सबके बीच चीन और सऊदी अरब जैसे बड़े देशों ने इजरायल और ईरान के बीच तनाव को कम करने की अपील की है।
हिजबुल्लाह कमांडर हसन नसरल्लाह, हमास चीफ इस्माइल हानिया की मौत के बाद ईरान इजरायल को अंजाम भुगतने की धमकी दे रहा था और इन सबके बीच ईरान ने 1 अक्टूबर, 2024 को इजरायल पर करीब 200 बैलिस्टिक मिसाइल दाग दिए। इस हमले के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अंजाम भुगतने की धमकी दी थी। और आईडीएफ ने तय समय और स्थान पर ईरान से बदला लेने की बात कही थी। इस पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिकी सेना को ईरान के मिसाइलों को मार गिराने का निर्देश दिया था। जो बाइडेन और कमला हैरिस ने खुद बैठकर ईरान के हमले की निगरानी की थी।
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ईरान इजरायल विवाद के बाद चीन का बयान सामने आया है। चीन ने इस समय क्षेत्रीय शांति की अपील की है। उसने इजरायल और ईरान से तनाव कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया है, क्योंकि यह संघर्ष न केवल मध्य पूर्व बल्कि वैश्विक स्थिरता के लिए भी खतरा उत्पन्न कर सकता है। हम आपको बता दें कि चीन हाल ही में मध्य पूर्व में अपनी आर्थिक और कूटनीतिक उपस्थिति को बढ़ा रहा है। ऐसे में अगर इजरायल ईरान पर हमला करता है तो चीन इस संघर्ष से बड़े नुकसान का सामना कर सकता है। ईरान और सऊदी अरब से चीन की ऊर्जा आवश्यकताओं का एक बड़ा हिस्सा आता है। इसलिए मिडिल ईस्ट में किसी भी प्रकार का युद्ध चीन के लिए तेल की आपूर्ति में बाधा डाल सकता है।
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इसके अलावा, चीन बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई) के तहत मध्य पूर्व के देशों के साथ व्यापारिक और आर्थिक सहयोग को भी मजबूत कर रहा है। इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता से चीन को अपने व्यापारिक हितों को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।
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