India News (इंडिया न्यूज), China-Taiwan Conflict: चीन ने ताइवान पर लगातार दबाव बढ़ा रहा है। उसने इस द्वीपीय क्षेत्र को धमकाने के लिए 33 लड़ाकू विमान और छह युद्धपोत भेजा है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। चीन ने सैन्य दबाव ऐसे समय बढ़ाया है कि जब थाइलैंड में अमेरिका और चीन के प्रतिनिधियों को साथ मुलाकात होने वाली है।
चीन ने 33 विमान को भेजा
बता दें कि, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने शुक्रवार की सुबह से शनिवार सुबह छह बजे तक एसयू-30 लड़ाकू विमान समेत 33 विमान और छह युद्धपोत भेजा है। इनमें से 13 लड़ाकू विमानों ने ताइवान स्ट्रेट को पार किया है। ताइवान स्ट्रेट की मध्य रेखा द्वीप और चीन के बीच अनाधिकारिक सीमा भी मानी जाती है।
ताइवान पर हक जमाता है चीन
चीन द्वीपीय क्षेत्र में ताइवान को अपना मानता है और इसे धमकाने के लिए लड़ाकू विमान के साथ ही युद्धपोत भेजता रहता है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवान और चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी बैंकाक में मौजूद हैं। लेकिन अभी तक यह पूरी तरह से साफ नहीं है कि दोनों की मुलाकात कब होगी या हो चुकी है।
ताइवान के विदेश मंत्री ने किया था अलर्ट
वहीं, इससे पहले ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने 8 जनवरी को एक अलर्ट जारी कर कहा था कि चीन ने एक उपग्रह को लॉन्च किया है और द्वीप में चुनाव से कुछ दिनों पहले सावधानी बरतने का भी आग्रह किया है। ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू के एक अंतरराष्ट्रीय संवाददाता सम्मेलन के बीच में ही अलर्ट जारी हुआ था। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि यह एक उपग्रह प्रक्षेपण था, पत्रकारों से कहा कि ‘वे चिंता न करें और समाचार सम्मेलन के लिए आगे बढ़े।’
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