ADVERTISEMENT
होम / विदेश / सुरक्षा के मुद्दे पर अमेरिका हमेशा ताइवान के साथ खड़ा : पेलोसी

सुरक्षा के मुद्दे पर अमेरिका हमेशा ताइवान के साथ खड़ा : पेलोसी

BY: Bharat Mehndiratta • LAST UPDATED : August 3, 2022, 2:22 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

सुरक्षा के मुद्दे पर अमेरिका हमेशा ताइवान के साथ खड़ा : पेलोसी

China Taiwan Dispute

इंडिया न्यूज, ताइपे सिटी: अमेरिका के निचले सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी अपने एशिया दौरे के दूसरे दिन बुधवार को ताइवान की संसद पहुंचीं। इससे चीन बुरी तरह चिढ़ा हुआ है। लेकिन चीन की तमाम धमकियों को नजरअंदाज करते हुए वे बेखौफ ताइवान पहुंची और यहां उन्होंने राष्ट्रपति साई इंग वेन से मुलाकात की।

ताइवान की संसद में पेलोसी को ताइवान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘आर्डर आफ प्रॉपिटियस क्लाउड्स विद स्पेशल ग्रैंड कॉर्डन’ से सम्मानित किया गया। नैंसी पेलोसी ने कहा कि सुरक्षा के मुद्दे पर अमेरिका हमेशा ताइवान के साथ खड़ा रहेगा। हमें गर्व है कि ताइवान हमारा दोस्त है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने 43 साल पहले ताइवान के साथ खड़े रहने का जो वादा किया था, वो उस पर आज भी अटल है।

दूसरी तरफ नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे को लेकर चीन बुरी तरह से चिढ़ा हुआ है। जहां पहले चीन युद्ध की धमकियां दे रहा था, वहीं अब उसने युद्ध की तैयारियां भी तेज कर दी है।

जानिए आखिर क्यों चीन पेलोसी की इस यात्रा पर भड़का हुआ है और चीन ताइवान में क्या विवाद है?

दरअसल, ताइवान दक्षिण पूर्वी चीन के तट से करीब 100 मील दूर स्थिति एक द्वीप है। चीन ताइवान को अपना अंग मानता है लेकिन ताइवान स्वयं को आजाद देश माना है। उसका अपना संविधान है। इसी को लेकर सारा विवाद है। ताइवान में लोगों द्वारा चुनी हुई सरकार है। वहीं चीन की कम्युनिस्ट सरकार ताइवान को अपने देश का हिस्सा बताती है। चीन इस द्वीप को फिर से अपने नियंत्रण में लेना चाहता है।

ताइवान पर लगे अनेकों आर्थिक प्रतिबंध

अमेरिकी सांसद के ताइवान विजिट से चीन बौखलाया हुआ है। चीन ने ताइवान के लिए आर्थिक परेशानियां खड़ी करना शुरू कर दिया है। ताइवान पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं। चीनी सरकार ने ताइवान को नेचुरल सैंड के देने पर रोक लगा दी है। इससे ताइवान को काफी नुकसान झेलना पड़ेगा।

China

कोविड-19 के बाद से ताइवान के लिए इनकम का सोर्स कंस्ट्रक्शन और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बन गया है। लेकिन अब रेत का निर्यात रोकने से ताइवान को काफी आर्थिक नुकसान होगा। इतना ही नहीं, चीन ने 1 जुलाई को भी ताइवान के 100 से ज्यादा फूड सप्लायर से आयात (इम्पोर्ट) पर प्रतिबंध लगाया था। चाइना मिनिस्ट्री आफ कॉमर्स ने एक बयान में कहा- हम ताइवान को दी जाने वाली नेचुरल सैंड का एक्सपोर्ट रोक रहे हैं।

चीन क्या हथकंडे अपना सकता है

चीन के फाइटर जेट्स पहले भी ताइवान के हवाई सीमा में घुसते रहे हैं। ऐसे में अब फिर से ये गतिविधियां तेज होने का अनुमान है। इसके जरिए चीन ताइवान पर और ज्यादा दबाव बनाने की कोशिश करेगा। ताइवान को उकसाने के लिए चीन पूरा जोर लगाएगा। फाइटर जेट्स को ताइवान के हवाई सीमा क्षेत्र में भेजकर चीन ताइवान को हमला करने के लिए उकसाने की कोशिश करेगा।

ये भी पढ़े : चीन की धमकी के बाद 13 अमेरीकी विमान रवाना, ताइवान में पेलोसी को देंगे सुरक्षा

ये भी पढ़े : लेफ्टिनेंट जनरल सहित 6 पाकिस्तानी सैन्य कर्मियों की मौत, बलोचिस्तान में मिला हेलिकॉप्टर का मलबा

हमे Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube

Tags:

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT