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China’s New Border Law
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
चीन ने विस्तारवाद की नीति को बढ़ावा देते हुए नया सीमा कानून बनाया है जिसका नाम द लैंड बॉर्डर्स ला का नाम दिया गया है। इस कानून के जरिए अब ड्रैगन अपने पड़ौसी देशों से टकराने की तैयारी कर रहा है जिन देशों के साथ सीमा विवाद चल रहा है, जिनमें से एक भारत भी है। जहां लाल सेना भारतीय हिस्सों को कब्जाने की नापाक कोशिशें करता रहा है। यही नहीं चाइना भारत के कई हिस्सों पर अपना अधिकार जताता रहा है।
जिसको लेकर दोनों देशों के सेनाएं अरूणाचल व लद्दाख में पिछले लंबे समय से एक- दूसरे के खिलाफ मोर्चा जमाए बैठे हैं। चीन द्वारा बनाया गया नया सीमा कानून छह देशों से टकराने की तैयारी कर रहा है। जिसमें भारत, नेपाल, भूटान, म्यांमार, वियतनाम सहित मंगोलिया शामिल हैं। जिनसे लाल सेना समय-समय पर उलझती रहती है। वहीं तिब्बत में भी चीन नए गांव आबाद करने में जुटा है। ऐसे में साफ जाहिर है कि चीन की भारत को लेकर दृष्टिकोण सही नहीं है।
चीन द्वारा निर्मित नया सीमा कानून जिसे द लैंड बॉर्डर्स लॉ कहा गया है। कानून के तहत ड्रैगन ने चीनी सीमा के साथ लगती 14 देशों की सीमाओं को लेकर नियम बनाने की बात सामने आ रही है। वहीं माओ का यह कानून 1 जनवरी 2022 से लागू हो जाएगा। मतलब साफ है कि चीन अपने तय कानून के मुताबिक ही सीमा से जुड़े मुद्दों की समीक्षा करेगा और कार्रवाई करेगा। हालांकि, कानून की बनावट कुछ ऐसी है कि जिन्हें भारत को केंद्रीत करते हुए बनाया गया है।
ऐसे में अगले साल 1 जनवरी के बाद दोनों देशों के बीच स्थिति तनावपूर्ण बनने की संभावना बनती नजर आ रही है। बता दें कि चीन की सीमा भारत, नेपाल, भूटान, वियतनाम, मंगोलिया, म्यांमार, रूस, कजाकिस्तान, किर्गीस्तान, ताजिकिस्तान, उत्तर कोरिया, अफगानिस्तान, पाकिस्तान में पीओके का हिस्सा व लाओस से मिलती हैं। वहीं समुद्री सीमाएं ताइवान, फिलीपींस, इंडोनेशिया, वियतनाम, मलेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, उत्तर कोरिया, सिंगापुर व ब्रुनेई से मिलती हैं। चीन के नए सीमा कानून को सात हिस्सों में रेखांकित किया गया है। जिससे कि देश की सीमा में घुसपैठ, अतिक्रमण या हमले से निपटने का अधिकार दिया गया है।
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