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India News (इंडिया न्यूज), China Invest in Pakistan: चीन और पाकिस्तान के रिश्ते में काफी मधुरता है। चीन ने करोड़ों रुपये पाकिस्तान में इन्वेस्ट किए हुए है। इस बीच जो खबर आ रही है, उससे भारत की मुश्किलें बढ़ सकती है। दरअसल पूरा मामला ये है कि, चीन के एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात की है। इस मुलाकात के दौरान चीन के व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान में एक मेडिकल सिटी स्थापित करने के लिए 1 बिलियन डॉलर का निवेश करने में रुचि व्यक्त की। पाकिस्तान के चीन के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं, जिसने कई निवेशों और विकास परियोजनाओं के माध्यम से पाकिस्तान का समर्थन किया है।
इन परियोजनाओं में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) परियोजना भी शामिल है, जिसे देश की अर्थव्यवस्था के लिए ‘जीवन रेखा’ बताया गया है। गुरुवार (12 दिसंबर, 2024) को जरदारी के साथ एक बैठक के दौरान, चीनी निवेशकों के प्रतिनिधिमंडल ने कराची के धाबेजी आर्थिक क्षेत्र में एक मेडिकल सिटी बनाने में 1 बिलियन डॉलर का निवेश करने की अपनी योजना की रूपरेखा तैयार की। यह आर्थिक क्षेत्र पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर और वित्तीय केंद्र के बाहर है।
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, ये मेडिकल सिटी पाकिस्तान का पहला पूरी तरह से एकीकृत फार्मास्युटिकल और मेडिकल इकोसिस्टम होगा। कोरंगी एसोसिएशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (KATI) को धाबेजी आर्थिक क्षेत्र के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। KATI ने एक बयान में कहा कि चीनी निवेशकों द्वारा किया गया यह वादा दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक संबंधों का एक उदाहरण है। यह बैठक सिंध सरकार और चीनी निवेशकों के एक समूह के बीच सफल वार्ता के बाद आयोजित की गई थी, जिसमें सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह और चीनी महावाणिज्यदूत भी शामिल हुए थे।
चीन और पाकिस्तान के बीच CPEC परियोजना 62 बिलियन डॉलर की है, जो चीन के काश्गर से पाकिस्तान के अरब सागर बंदरगाह ग्वादर तक बनाई जा रही है। CPEC का मुख्य फोकस ग्वादर बंदरगाह को विकसित करना है। हालांकि, भारत ने हमेशा CPEC परियोजना का विरोध किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह परियोजना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजर रही है।
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