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India News (इंडिया न्यूज), China SAP Technology: गिरगिट को प्रकृति का जादू इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह अपना रंग बदलकर खुद को छिपा सकता है। अब सोचिए, अगर कोई ऐसा पदार्थ बनाया जाए जो गिरगिट की तरह रंग बदल सके तो क्या होगा? देखा जाए तो चीनी वैज्ञानिकों ने ऐसा ही चमत्कार किया है। उन्होंने एक ऐसा खास पदार्थ तैयार किया है जो अपने आसपास के माहौल के हिसाब से रंग बदल सकता है। इस पदार्थ का इस्तेमाल सेना से लेकर फैशन और धोखाधड़ी की रोकथाम तक कई क्षेत्रों में किया जा सकता है।
चीन की यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रॉनिक साइंस एंड टेक्नोलॉजी के वांग और उनकी टीम ने सेल्फ अडेप्टिव फोटोक्रोमिज्म यानी एसएपी का आविष्कार किया है, जो रोशनी के हिसाब से रंग बदलने वाली तकनीक है। जिस तरह गिरगिट परिस्थिति के हिसाब से अपना रंग बदलता है। शोधकर्ताओं ने एसएपी घोल के कंटेनर को लाल, हरे और पीले रंग के ऐक्रेलिक बॉक्स में रखा और 30 से 80 सेकंड के अंदर यह पदार्थ अपने आसपास के माहौल के हिसाब से ढल गया।
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शोधकर्ताओं ने इन पदार्थों का आकलन करने के लिए दो परीक्षण किए। पहले परीक्षण में SAP घोल के कंटेनर को लाल, हरे और पीले रंग के ऐक्रेलिक बॉक्स में रखा गया था। इस दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि मात्र 30 से 80 सेकंड के भीतर यह पदार्थ अपने आस-पास के वातावरण के साथ तालमेल बिठाने में सक्षम था। फिर दूसरे परीक्षण में वैज्ञानिकों ने SAP घोल से भरे कंटेनर को लाल, हरे या पीले रंग के वातावरण में रखा। उन्होंने पाया कि SAP घोल ने लगभग एक मिनट में अपना रंग बदल लिया और आस-पास के वातावरण में घुल-मिल गया। आगे के अध्ययनों में वैज्ञानिक बैंगनी और नीले रंग को भी शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
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रंग बदलने के पारंपरिक तरीके ईजाद किए गए हैं जो बहुत महंगे हैं, और वे जटिल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बिना काम नहीं कर सकते। लेकिन इस तकनीक की खास बात यह है कि यह बहुत आसान और किफायती है। इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जा सकता है। SAP तकनीक का इस्तेमाल सेना से लेकर रक्षा और फैशन तक हर जगह किया जा सकता है। इससे वाहनों या इमारतों को कोटिंग करने पर वे अपने आस-पास के वातावरण में घुल-मिल जाएंगे। इसके अलावा यह बदलते मौसम में भी काम करने में सक्षम है। यह -20 डिग्री सेल्सियस से लेकर 70 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में काम कर सकता है।
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