संबंधित खबरें
भारत में आतंकवाद फैलाने वाले को ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में कैसे मिल गई एंट्री? कार्यक्रम में ही करने लगा भारत विरोधी काम, देख खौल जाएगा खून
क्या ट्रंप के आगे झुकेगा दुनिया का सबसे धाकड़ राष्ट्रपति? दी ऐसी धमकी रूस में मचा हंगामा, होने वाला है एक और जंग का अंत!
ट्रंप के राष्ट्रपति बनते ही कंगाल पाकिस्तान को लगा बड़ा झटका, इस फैसले से भीख मांगने पर मजबूर हो जाएंगे मुसलमान! सदमे में आए कई इस्लामिक देश
राष्ट्रपति बनते ही बौराए ट्रंप! भारत सहित 11 देशों को दे डाली 'खुली धमकी', दुनिया भर में मच गई खलबली
कितना पावरफुल है अमेरिका, जिसके बल पर इतरा रहे Donald Trump? जानें ताकतवर देशों में भारत का क्या है हाल
ट्रंप के सिंघासन संभालते ही इस मुस्लिम देश में मची चीख-पुकार, 2 'शैतानों' का सामना करने को बनाया सीक्रेट प्लान, हो गया लीक
India News (इंडिया न्यूज), Donald Trump: अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार (20 जनवरी, 2024) को शपथ ली। आपको बता दें कि, ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में कई विदेशी मेहमान शामिल हुए। हंगरी के पीएम विक्टर ओर्बन, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली, इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। जबकि यूके, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, जापान, चीन और भारत जैसे देशों के प्रतिनिधि ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए।
इसके अलावा कई बड़े-बड़े उद्योगपति भी इस समारोह में शामिल हुए। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और नीता अंबानी भी समारोह में शामिल हुए। इसके अलावा ट्रंप के सलाहकार एलन मस्क, अमेजन के कार्यकारी चेयरमैन जेफ बेजोस और मेटा प्लेटफॉर्म्स के सीईओ मार्क जुकरबर्ग भी समारोह में शामिल हुए। इस तरह डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे शपथ ग्रहण समारोह ने कई परंपराओं को तोड़कर नए रिकॉर्ड बनाए हैं।
दरअसल, पिछले साल सितंबर में जब अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस आमने-सामने थे, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने न्यूयॉर्क गए थे। उस समय ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री मोदी से मिलने की इच्छा जताई थी। ट्रंप का मानना था कि मोदी से हाई-प्रोफाइल मुलाकात से उनकी चुनावी छवि मजबूत होगी। मोदी से मुलाकात से ट्रंप के समर्थकों और आम अमेरिकी जनता के बीच एक बड़ा संदेश जाता। भारत ने भारत-अमेरिका संबंधों के लिए कूटनीतिक फैसला लिया।
जब ट्रंप ने मोदी से मिलने की इच्छा जताई तो भारतीय राजनयिकों के सामने एक मुश्किल सवाल खड़ा हो गया। 2019 में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम के दौरान ट्रंप की अप्रत्यक्ष चुनावी बढ़त को कूटनीतिक गलती माना गया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने फैसला किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों से दूरी बनाए रखना भारत के दीर्घकालिक हित में होगा। अगर मोदी ट्रंप से मिलते और कमला हैरिस चुनाव जीत जातीं तो इसका भारत-अमेरिका संबंधों पर नकारात्मक असर पड़ सकता था। यही वजह थी कि मोदी ट्रंप से नहीं मिले।
आपको बता दें कि, ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि भारत हमारे सामान पर ऊंचे टैरिफ लगा रहा है और अमेरिका भी इसके जवाब में कार्रवाई करेगा। ट्रंप ने एक फरवरी से कनाडा और मैक्सिको पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। अगर ट्रंप भारत को लेकर भी ऐसा कदम उठाते हैं तो यह भारतीय निर्यात के लिए प्रतिकूल होगा। इसके अलावा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका में अवैध घुसपैठ को साफ और मजबूती से खारिज कर चुके हैं।
सोमवार को ट्रंप ने कहा था कि ‘कल सूरज ढलने तक हमारे देश पर आक्रमण बंद हो चुका होगा।’ ट्रंप का यह ऐलान अमेरिका में काम कर रहे भारतीय आईटी पेशेवरों के लिए खतरे की घंटी है। भारत के लिए चुनौतियां सिर्फ एच-1बी वीजा को लेकर ही नहीं हैं। अमेरिका में पढ़ाई करने जाने वाले छात्रों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वैकल्पिक व्यावहारिक प्रशिक्षण (ओपीटी) कार्यक्रम पर निर्भर अंतरराष्ट्रीय छात्रों को संभावित प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।
1 महीने तक चाय छोड़ने पर शरीर में दिखते हैं ये 5 बदलाव, मिलेंगे इतने फायदे गिनना हो जाएगा मुश्किल
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.