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जिगरी दोस्त Trump के सबसे बड़े दिन पर साथ क्यों नहीं दिखे PM Modi, इस एक फैसले ने बिगाड़ दिए रिश्ते? भारत-अमेरिका के बीच कुछ बड़ा होने वाला है

BY: Sohail Rahman • LAST UPDATED : January 21, 2025, 1:53 pm IST
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जिगरी दोस्त Trump के सबसे बड़े दिन पर साथ क्यों नहीं दिखे PM Modi, इस एक फैसले ने बिगाड़ दिए रिश्ते? भारत-अमेरिका के बीच कुछ बड़ा होने वाला है

Donald Trump (शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी को क्यों नहीं मिला निमंत्रण)

India News (इंडिया न्यूज), Donald Trump: अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार (20 जनवरी, 2024) को शपथ ली। आपको बता दें कि, ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में कई विदेशी मेहमान शामिल हुए। हंगरी के पीएम विक्टर ओर्बन, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली, इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। जबकि यूके, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, जापान, चीन और भारत जैसे देशों के प्रतिनिधि ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। 

बड़े-बड़े उद्योगपति भी हुए शामिल

इसके अलावा कई बड़े-बड़े उद्योगपति भी इस समारोह में शामिल हुए। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और नीता अंबानी भी समारोह में शामिल हुए। इसके अलावा ट्रंप के सलाहकार एलन मस्क, अमेजन के कार्यकारी चेयरमैन जेफ बेजोस और मेटा प्लेटफॉर्म्स के सीईओ मार्क जुकरबर्ग भी समारोह में शामिल हुए। इस तरह डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे शपथ ग्रहण समारोह ने कई परंपराओं को तोड़कर नए रिकॉर्ड बनाए हैं।

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इस वजह से ट्रंप चल रहे नाराज

दरअसल, पिछले साल सितंबर में जब अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस आमने-सामने थे, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने न्यूयॉर्क गए थे। उस समय ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री मोदी से मिलने की इच्छा जताई थी। ट्रंप का मानना ​​था कि मोदी से हाई-प्रोफाइल मुलाकात से उनकी चुनावी छवि मजबूत होगी। मोदी से मुलाकात से ट्रंप के समर्थकों और आम अमेरिकी जनता के बीच एक बड़ा संदेश जाता। भारत ने भारत-अमेरिका संबंधों के लिए कूटनीतिक फैसला लिया। 

मोदी ने ट्रंप से नहीं की थी मुलाकात

जब ट्रंप ने मोदी से मिलने की इच्छा जताई तो भारतीय राजनयिकों के सामने एक मुश्किल सवाल खड़ा हो गया। 2019 में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम के दौरान ट्रंप की अप्रत्यक्ष चुनावी बढ़त को कूटनीतिक गलती माना गया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने फैसला किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों से दूरी बनाए रखना भारत के दीर्घकालिक हित में होगा। अगर मोदी ट्रंप से मिलते और कमला हैरिस चुनाव जीत जातीं तो इसका भारत-अमेरिका संबंधों पर नकारात्मक असर पड़ सकता था। यही वजह थी कि मोदी ट्रंप से नहीं मिले।

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ट्रंप के इन फैसलों से भारत पर पड़ेगा असर

आपको बता दें कि, ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि भारत हमारे सामान पर ऊंचे टैरिफ लगा रहा है और अमेरिका भी इसके जवाब में कार्रवाई करेगा। ट्रंप ने एक फरवरी से कनाडा और मैक्सिको पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। अगर ट्रंप भारत को लेकर भी ऐसा कदम उठाते हैं तो यह भारतीय निर्यात के लिए प्रतिकूल होगा। इसके अलावा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका में अवैध घुसपैठ को साफ और मजबूती से खारिज कर चुके हैं। 

भारतीय छात्रों को भी होगी दिक्कत

सोमवार को ट्रंप ने कहा था कि ‘कल सूरज ढलने तक हमारे देश पर आक्रमण बंद हो चुका होगा।’ ट्रंप का यह ऐलान अमेरिका में काम कर रहे भारतीय आईटी पेशेवरों के लिए खतरे की घंटी है। भारत के लिए चुनौतियां सिर्फ एच-1बी वीजा को लेकर ही नहीं हैं। अमेरिका में पढ़ाई करने जाने वाले छात्रों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वैकल्पिक व्यावहारिक प्रशिक्षण (ओपीटी) कार्यक्रम पर निर्भर अंतरराष्ट्रीय छात्रों को संभावित प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।

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Donald TrumpIndia US RelationsPM Modi

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