संबंधित खबरें
रूस ने चलाया ऐसा ब्रह्मास्त्र, धुआं-धुआं हो गया यूक्रेनी सेना का तेंदुआ टैंक, वीडियो देख थर-थर कांपने लगे जेलेंस्की
सीरिया में विद्रोही संगठन करेंगे ये काम, ऐलान के बाद पुरी दुनिया में मचा हंगामा…इजरायल के भी उड़े होश
अब रामायण और महाभारत पढ़ेंगे मुसलमान ? PM Modi ने कुवैत पहुंच ऐसा क्या किया सदमे में आया पाकिस्तान…गाने लगा भारतीय पीएम की गुणगान
जान बचाने वाली इस चीज ने आसमान में मचाई तबाही, मंजर देख कांप गए लोग..वीडियो हुआ वायरल
एक द्वीप के लिए दुनिया के सबसे ताकतवर देश से भिड़ गया चीन, दे डाली धमकी…, क्या होने वाला है कुछ बड़ा ?
सीरिया के बाद इस मुस्लिम देश में मची तबाही, मंजर देख कांप गए मुसलमान, मौत के आकड़े जान उड़ जाएगा होश
India News(इंडिया न्यूज), Dr. Debapriya Bhattacharya: बांग्लादेश में शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद सेना प्रमुख जनरल वकार-उज़-जमान द्वारा गठित 10 सदस्यीय अंतरिम सरकार में हिंदू डॉ. देबप्रिय भट्टाचार्य भी शामिल हैं, जो एक जाने-माने अर्थशास्त्री हैं। डॉ. देबप्रिय भट्टाचार्य बांग्लादेश के एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वे देश के एक जाने-माने थिंक टैंक का भी संचालन करते हैं। भट्टाचार्य बांग्लादेश के जाने-माने अर्थशास्त्री हैं।
डॉ. देबप्रिय भट्टाचार्य भारत से लेकर विदेशों तक की पत्रिकाओं और जर्नलों में आर्थिक विषयों पर लिखते रहते हैं। शेख हसीना सरकार में ये आर्थिक नीतियों पर सलाहकार के तौर पर काम कर चुके हैं। बांग्लादेश में एक सार्वजनिक नीति विश्लेषक के तौर पर उनका काम काफी उल्लेखनीय रहा है। वे ढाका में सेंटर फॉर पॉलिसी डायलॉग के पहले कार्यकारी निदेशक भी हैं, जिसे आर्थिक मामलों में देश का सबसे बड़ा थिंक टैंक माना जाता है।
डॉ. देबप्रिया भट्टाचार्य की मां बांग्लादेश की सांसद रह चुकी हैं। उनका जन्म 20 अप्रैल 1956 को तंगेल में हुआ था। उनके पिता देबेश भट्टाचार्य एक जाने-माने वकील थे। वे सुप्रीम कोर्ट के वकील के तौर पर काम करते थे। उनकी पत्नी चित्रा भट्टाचार्य 1996 से 2001 तक बांग्लादेश सरकार की संसद सदस्य रहीं। डॉ. देबप्रिय भट्टाचार्य ने सेंट ग्रेगरी हाई स्कूल और ढाका कॉलेज से पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने मॉस्को के प्लेखानोव इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इकोनॉमी से अर्थशास्त्र में एमएससी और पीएचडी की डिग्री हासिल की।
2007 में भट्टाचार्य को बांग्लादेश का राजदूत और WTO तथा जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था। हालांकि, एक साल बाद उन्होंने “नैतिक और नैतिक आधार” का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने बांग्लादेश से संबंधित कई नीतिगत किताबें लिखी हैं। कुछ साल पहले, वे बांग्लादेश के वित्त मंत्रालय की मैक्रो-इकोनॉमिक पॉलिसी सलाहकार समिति के सलाहकार समिति के सदस्य थे। उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में सुधार के लिए बहुत काम किया। उद्योग मंत्रालय के लिए औद्योगिक नीति का मसौदा तैयार किया।
Sheikh Hasina के पास है इतने करोड़ की संपत्ति, Bangladesh में क्या छोड़ा?
वे देश के दूसरे सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक जनता बैंक (1996-2000) के निदेशक थे। डॉ. भट्टाचार्य ने विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक, UNDP, UNEP, UNIDO, UNCTAD, ILO सहित कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ-साथ अमेरिका, जापान, ब्रिटेन, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड और स्वीडन की द्विपक्षीय विकास एजेंसियों के लिए काम किया। वे समसामयिक आर्थिक मुद्दों पर टिप्पणीकार के रूप में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में नियमित रूप से भाग लेते रहे हैं। वे विकास संबंधी बहसों पर बांग्लादेश टेलीविजन पर प्राइम टाइम टॉक शो भी होस्ट करते थे।
बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार में उनके शामिल होने का मतलब है कि वे देश में बदली परिस्थितियों में आर्थिक मामलों को देखेंगे। वे सरकारी नीतियां बनाएंगे और संबंधित कार्यों पर निर्णय लेंगे। वर्तमान में बांग्लादेश की आर्थिक स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण मानी जा रही है। यह देखना होगा कि जिन क्षेत्रों में बांग्लादेश आर्थिक रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, वे चीजें पटरी से न उतरें, लेकिन साथ ही देश जिस आर्थिक स्थिति से गुजर रहा है, उसमें उसे सामान्य परिस्थितियों में वापस लाया जाए।
ऐसा नहीं है कि बांग्लादेश में योग्य अर्थशास्त्रियों की कमी है, लेकिन इसके जरिए बांग्लादेश की सेना ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि देश के धार्मिक और सामाजिक ताने-बाने को वैसा ही बनाए रखने की कोशिश की जाएगी। ऐसा नहीं होगा कि देश को कट्टरपंथी मुस्लिम रास्ते पर ले जाने वाले नेताओं को कोई प्रोत्साहन दिया जाए। यह अंतरिम सरकार द्वारा दिया गया संदेश है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि वर्तमान बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति बहुत बेहतर है और उन्हें वहां के समाज में बहुत बेहतर तरीके से रहने की अनुमति है। इस मामले में, बांग्लादेश की स्थिति अभी भी पाकिस्तान से बहुत बेहतर कही जानी चाहिए। बांग्लादेश की सेना में ही बड़ी संख्या में हिंदू हैं।
अरबपति है Sheikh Hasina का नौकर, पूरे दुनिया में हो रही है जिसकी चर्चा
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.