इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : चीन में पिछले 10 दिन के दौरान कोविड-19 के मामले कई गुना बढ़ गए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में करीब 80 करोड़ लोग कोरोना संक्रमण के दायरे में हैं। इस दौरान मरने वालों की संख्या में भी बेहद तेजी आई है। वॉल स्ट्रीट जनरल अपनी रिपोर्ट में बीजिंग के एक कोविड-19 शवदाह गृह के हवाले से दावा कर चुका है कि रोजाना मरने वालों का औसत 30-40 से बढ़कर 200 के पार पहुंच गया है. इसके बावजूद चीन के अधिकृत आंकड़ों में मरने वालों की संख्या बेहद कम है। चीन के मुताबिक, मंगलवार को वहां कोविड-19 के कारण महज 5 लोग की मौत हुई है, जबकि सोमवार को 2 लोग मरे थे. इससे पहले दो सप्ताह के दौरान एक भी कोविड डेथ नोट नहीं की गई है। चीन के इन आंकड़ों पर पूरी दुनिया को हैरानी हो रही है। अब चीन ने खुद बताया है कि आंकड़ों के पीछे उसका खेल क्या है।
जानकारी दें, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 के कारण होने वाली मौत को गिनने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मानक तय कर रखा है। यह मानक इसलिए तय करना पड़ा है, क्योंकि WHO के हिसाब से हर देश अपने हिसाब से गिनती कर रहा था, जिससे असली आंकड़ा तय करने में बेहद परेशानी हो रही थी। चीन WHO के इस मानक को फॉलो नहीं कर रहा है बल्कि किसी की मौत का कारण कोविड है या नहीं, ये तय करने के लिए अपने नियमों को ही फॉलो कर रहा है।
BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने कहा है कि वह किसी कोरोना संक्रमित की मौत का कारण कोविड-19 तभी दर्ज कर रहा है, जब उसकी मौत सांस की बीमारी या निमोनिया के कारण हुई है। चीनी अधिकारियों के मुताबिक, उनके यहां कोविड से मौत की पुष्टि के लिए मरीज के फेफड़ों में कोरोनावायरस के कारण पहुंचे नुकसान की पुष्टि होना अनिवार्य है। चीन की कैबिनेट के सूचना कार्यालय स्टेट काउंसिल ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह तरीका स्पष्ट किया। काउंसिल मेंबर और एपिडेमोलॉजिस्ट प्रोफेसर वांग गुई-क्वांग ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण मरीज को निमोनिया होने या उसका सांस लेने का सिस्टम फेल होने पर ही मौत को कोविड डेथ के तौर पर दर्ज किया जा रहा है।
आपको बता दें, रॉयटर्स की रिपोर्ट में चीन के सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अधिकारी शु वेंबो के हवाले से वहां कोरोना के मौजूदा हालात की जानकारी दी गई है। वेंबो के मुताबिक, कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के तेजी से म्यूटेंट होने के खतरे को उनकी टीम ठीक से नहीं आंक पाई है। उन्होंने अगले कुछ महीनों में चीन के अंदर करीब 80 करोड़ लोगों के कोरोना संक्रमित होने की संभावना जाहिर की है। साथ ही उन्होंने इसके चलते चीन में 5 लाख लोगों के मरने का भी डर जताया है। अमेरिकी मीडिया ऑर्गनाइजेशन NPR ने भी अपनी रिपोर्ट में येल यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट शी चेन के हवाले से कोरोना की मौजूदा लहर में चीन की 60% आबादी के आने की सभावना जताई है। चेन चीनी स्वास्थ्य प्रणाली के एक्सपर्ट हैं और उन्होंने ये दावा चीन के स्वास्थ्य अधिकारी शाओफेंग लिएंग के हवाले से किया है।
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