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काहे की टॉप क्लास यूनिवर्सिटी, 17 मशहूर यूनिवर्सिटी चला रही गंदा धंधा, बरबाद होने की कगार पर यहां पढ़ रहे भारतीयों की किस्मत

BY: Shubham Srivastava • LAST UPDATED : December 22, 2024, 10:36 am IST
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काहे की टॉप क्लास यूनिवर्सिटी, 17 मशहूर यूनिवर्सिटी चला रही गंदा धंधा, बरबाद होने की कगार पर यहां पढ़ रहे भारतीयों की किस्मत

US Top Universities Favouritism : अमेरिका के शीर्ष विश्वविद्यालयों में पक्षपात

India News (इंडिया न्यूज), US Top Universities Favouritism : शिक्षा पर सभी का हक होता है, फिर चाहे वो अमीर हो या फिर गरीब। अपना भविष्य सुधारने के लिए शिक्षा का अधिकार सभी को है। लेकिन अमेरिका में फिलहाल ऐसा होता हुआ दिख नहीं रहा है। अमेरिका में दुनिया की बेहतरीन यूनिवर्सिटीज हैं, जहां से हर कोई पढ़कर अपना भविष्य अच्छा बनाना चाहता है। लेकिन वहां पर तो कुछ और ही काम चल रहा है। आपको बता दें कि इस वक्त अमेरिका की 17 यूनिवर्सिटीज के खिलाफ चल रहे एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान आरोप लगाया गया कि देश के कुछ बड़े संस्थानों में अमीर और रसूखदार लोगों के बच्चों को एडमिशन में रियायत मिलती है। जानकारी के मुताबिक शिकागो की संघीय अदालत में यह मुकदमा 2022 में दायर किया गया था, जिसमें यूनिवर्सिटीज पर ‘प्राइस-फिक्सिंग’ का आरोप लगाया गया था।
2022 में ये मुकदमा शिकागो की संघीय अदालत में दायर किया गया था। इस केस में यूनिवर्सिटीज पर ‘प्राइस-फिक्सिंग’ का आरोप लगाया गया था।

प्रेसिडेंट लिस्ट में डाला नाम

इस मामले की सुनवाई के दौरान पता चला कि जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के तत्कालीन अध्यक्ष ने एक छात्रा का नाम अपनी ‘प्रेसिडेंट लिस्ट’ में डाल दिया था। इस छात्रा और उसके अमीर पिता से अध्यक्ष की मुलाकात इडाहो के एक सम्मेलन में हुई थी। इस सम्मेलन को ‘अरबपतियों का समर कैंप’ भी कहा जाता है। इसी तरह के कनेक्शन के जरिए एडमिशन के कई मामले सामने आए हैं।

ये बात तो हमेशा से ही मानी जाती रही है कि एडमिशन के लिए रसूख का इस्तेमाल होता है। लेकिन इस मुकदमे की कार्यवाही से यूनिवर्सिटीज के प्रमुखों और एडमिशन अधिकारियों के उन फैसलों को उजागर करने का मौका मिला है, जो अक्सर गुप्त रहते थे।

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MIT से भी सामने आए ऐसे केस

मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दुनिया भर में फैमस है। लेकिन 2018 में यहां के डीन ऑफ एडमिशन स्टुअर्ट श्मिल ने एक ईमेल में लिखा था कि यूनिवर्सिटी ने बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष रॉबर्ट मिलार्ड द्वारा सुझाए गए छह छात्रों में से चार को एडमिशन दिया, जिनमें दो छात्र ऐसे थे जिन्हें हम सच में दाखिला नहीं देते। बाकी दो छात्रों को दाखिला इसलिए नहीं मिला क्योंकि उनकी मजबूत तरीके से सिफारिश नहीं की गई थी।

इन यूनिवर्सिटीज के खिलाफ चल रहे मुकदमें

अमेरिका में जिन यूनिवर्सिटीज के खिलाफ मुकदमें चल रहे हैं उनमें मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, ब्राउन यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो, कोलंबिया यूनिवर्सियी, डार्टमाउथ यूनिवर्सिटी, ड्यूक यूनिवर्सिटी, एमोरी यूनिवर्सिटी, नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी, राइस यूनिवर्सिटी, वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी, येल यूनिवर्सिटी शामिल हैं। इसके अलावा कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कोर्नेल यूनिवर्सिटी, जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी, नोट्रे डाम यूनिवर्सिटी, जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी, पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी जैसे बड़े नाम शािल हैं। इन सभी के खिलाफ केस चल रहा है।

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