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कटी हुई जीभ…नाखून, 2000 साल पहले कैसे होता था काला जादू? खजाने के साथ मिली दिमाग घुमा देने वाली 4 चीजें

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : December 20, 2024, 2:30 pm IST
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कटी हुई जीभ…नाखून, 2000 साल पहले कैसे होता था काला जादू? खजाने के साथ मिली दिमाग घुमा देने वाली 4 चीजें

Egypt excavation News: खुदाई के दौरान वैज्ञानिकों को हजारों साल पुरानी सोने की जीभ और नाखून मिले हैं।

India News (इंडिया न्यूज), Egypt excavation News: मिस्र, अपनी प्राचीन सभ्यता और अद्वितीय धरोहरों के लिए प्रसिद्ध, एक बार फिर सुर्खियों में है। यहां के अल-बहनसा पुरातात्विक स्थल पर हुई हालिया खुदाई में पुरातत्वविदों को ऐसी अद्भुत और अमूल्य वस्तुएं मिली हैं, जो न केवल इतिहास के पन्नों में नई जानकारियां जोड़ती हैं बल्कि मिस्र की प्राचीन सभ्यता और धार्मिक प्रथाओं के बारे में भी महत्वपूर्ण सुराग देती हैं।

सोने की जीभ और नाखून की अद्भुत खोज

हालिया खुदाई के दौरान वैज्ञानिकों को हजारों साल पुरानी सोने की जीभ और नाखून मिले हैं। इसके साथ ही, कुछ ताबीज और अन्य धार्मिक प्रतीक भी प्राप्त हुए हैं। इन कलाकृतियों की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता के साथ-साथ इनकी कीमत भी करोड़ों में आंकी जा रही है। मिस्र के पर्यटन और पुरावशेष मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर इन खोजों की जानकारी साझा करते हुए इन्हें “अमूल्य धरोहर” कहा है।

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प्टोलमिक युग की वस्तुएं

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ये कलाकृतियां प्टोलमिक युग (305 ईसा पूर्व से 30 ईसा पूर्व) की हैं। यह वह समय था जब मैसिडोनियाई ग्रीक मिस्र पर शासन कर रहे थे। प्टोलमिक युग मिस्र के इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जो रोमन साम्राज्य के उदय के साथ समाप्त हुआ।

सामूहिक कब्रगाह और ममियों की खोज

खुदाई के दौरान वैज्ञानिकों को कई सामूहिक कब्रगाहें भी मिली हैं। इन कब्रगाहों में दर्जनों ममियां पाई गईं, जो प्राचीन सामूहिक दफनाने की प्रथा का संकेत देती हैं। इनमें रंगीन चित्र और शिलालेख वाली कब्रें भी शामिल हैं।

विशेष रूप से, एक कब्र में दो दिल के आकार के स्कारब पाए गए, जो ममियों के अंदर सुरक्षित थे। इसके अलावा, रा के स्तंभ, होरस, ठोथ और आइसिस जैसे देवताओं के प्रतीक और 29 ताबीज भी मिले हैं। इन खोजों से पता चलता है कि उस समय धार्मिक प्रतीकों और आत्मा की शांति के लिए विशेष महत्व दिया जाता था।

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खुदाई की साझेदारी और महत्व

यह उत्खनन बार्सिलोना विश्वविद्यालय और शिकागो विश्वविद्यालय के संयुक्त प्रयास से हुआ। मंत्रालय ने इसे क्षेत्र के इतिहास और प्राचीन धार्मिक प्रथाओं के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण माना है। 305 ईसा पूर्व से अब तक 2,329 वर्ष हो चुके हैं

आगे की संभावनाएं

मिस्र के पुरातात्विक स्थलों की अद्भुत खोजों का सिलसिला जारी है। मंत्रालय ने संकेत दिया है कि यहां पर खुदाई का काम भविष्य में भी जारी रहेगा, क्योंकि इन स्थलों में अभी भी कई रहस्यों के छिपे होने की संभावना है।

मिस्र में हुई यह खुदाई न केवल प्राचीन सभ्यता के वैभव को दर्शाती है, बल्कि यह पुरातत्वविदों और इतिहासकारों को उस समय की संस्कृति, धर्म और समाज को समझने का एक महत्वपूर्ण जरिया भी प्रदान करती है। सोने की जीभ और नाखून जैसी कलाकृतियां उस समय के जीवन की जटिलता और समृद्धि का प्रतीक हैं। यह खोज मानव इतिहास के उन पन्नों को उजागर करती है, जो अभी तक अज्ञात थे।

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