संबंधित खबरें
सीरिया के बाद इस मुस्लिम देश में मची तबाही, मंजर देख कांप गए मुसलमान, मौत के आकड़े जान उड़ जाएगा होश
कुवैत में पीएम मोदी को ऐसा क्या मिला जिससे दुश्मनों की उड़ी होश, 20वीं बार कर दिखाया ऐसा कारनामा..हर तरफ हो रही है चर्चा
दुनिया की सबसे महंगी करेंसी डॉलर नहीं, इस इस्लामिक देश की मुद्रा का पूरी दुनिया में बजता है डंका, वजह जान फटी रह जाएंगी आंखें
PM Modi के मजबूत नेतृत्व के सामने झुकी अमेरिका, बदलना पड़ा ये कानून, मुंह ताकते रह गए जिनपिंग-शहबाज
न अमेरिका, न यूरोप, 1 टीवी शो की वजह से रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ गई जंग, वो एक्टर जो आगे चलकर बना राष्ट्रपति और बर्बाद कर दिया अपना देश
दुश्मनों के बदले अपने ही लड़ाकू विमान पर दाग दिया गोला, अब दुनिया में बन रहा है मजाक, जाने जेट पायलटों का क्या हुआ हाल?
इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर के मालिक एलन मस्क ने ‘ट्विटर फाइल्स 3.0’ शेयर किया है। इस ‘फाइल्स’ में बताया गया है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्विटर अकाउंट को किस तरह सस्पेंड किया गया था और उनके ट्वीट्स को हटाने लिए अमेरिकी जाँच एजेंसी FBI द्वारा ट्विटर से अनुरोध किया गया था।
जानकारी दें, एलन मस्क इससे पहले ‘ट्विटर फाइल्स’ और ‘ट्विटर फाइल्स 2.0’ भी शेयर कर चुके हैं। इसमें उन्होंने बताया था कि न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित हंटर बाइडेन के लैपटॉप के बारे में कहानी को दबाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय से ट्विटर को आदेश दिया गया था। इसके अलावा, यह भी सामने आया है कि ट्विटर के कर्मचारियों ने यूजर्स को सूचित किए बिना ही न केवल कुछ एकाउंट्स को बल्कि ट्रेंडिंग टॉपिक्स कम दिखे – इसके लिए एक ब्लैकलिस्ट का भी निर्माण किया था।
आपको बता दें, एलन मस्क ने स्वतंत्र पत्रकार मैट टैबी के इन्वेस्टिगेशन थ्रेड को रीट्वीट करते हुए ‘ट्विटर फाइल्स 3.0’ के बारे में पूरी जानकारी शेयर की है। अपने ट्वीट्स में मैट ने कहा, “6 जनवरी को कैपिटल में हुए दंगों और 8 जनवरी को ट्विटर से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को (ट्रंप के अकाउंट को सस्पेंड करना) हटाने के बीच क्या हुआ, इसकी कहानी दुनिया बहुत कुछ जानती है, लेकिन एलन मस्क का नया ट्विटर आपको यह दिखाएगा कि किस चीज का खुलासा नहीं किया गया है। 6 जनवरी से पहले के महीनों में ट्विटर के बड़े अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए कंपनी की पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया था। यह सब फेडरल एजेंसी के साथ हुई बातचीत के बाद किया गया।”
स्वतंत्र पत्रकार टैबी ने दावा किया कि जनवरी 2021 में ट्रम्प के फैसले के बारे में ट्विटर यूजर्स की राय कुछ भी हो सकती है। हालाँकि, उन्होंने ये भी कहा कि 6 जनवरी से 8 जनवरी के बीच ट्विटर में आंतरिक तौर पर हुई बातचीत का स्पष्ट और ऐतिहासिक महत्व है।
जानकारी दें, जनवरी 2021 में ट्विटर ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ट्विटर अकाउंट पर बैन लगाने के बाद एक आधिकारिक ब्लॉगपोस्ट शेयर किया था। इसमें, ट्विटर की ओर से कहा गया था, “डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट से हाल ही में किए गए ट्वीट्स और इस बारे में पूरी बारीकी से समीक्षा के बाद उन्हें ट्विटर से बाहर किया जा रहा है। हमने हिंसा को और भड़काने के जोखिम के कारण उनके ट्विटर अकाउंट को स्थायी रूप से निलंबित (सस्पेंड) कर दिया है।”
मैट टैबी ने यह भी कहा, “ट्विटर के अधिकारियों ने डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट को सस्पेंड करने के बाद अपनी शक्ति को बढ़ाना शुरू कर दिया था।” इसका मतलब यह था कि ट्विटर के अधिकारी अमेरिका के अगले राष्ट्रपतियों और व्हाइट हाउस शायद जो बाइडेन पर भी बैन लगाने के लिए तैयार थे।
उन्होंने यह भी कहा है कि ट्विटर मॉडरेशन टीम ने चुनाव के दौरान बीते 4 से अधिक वर्षों के दौरान ट्रम्प और उनके समर्थकों द्वारा किए गए ट्वीट्स के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्विटर अकाउंट सस्पेंशन को सही ठहराया था। टैबी का दावा है कि “ट्विटर अधिकारियों के बीच हुई आंतरिक बातचीत अमेरिकी एजेंसियों के साथ उनके करीबी संबंधों को उजागर करते हैं।” इसके अलावा, विजया गाडगे (ट्विटर पर कानूनी, नीति की प्रमुख) और योएल रोथ (विश्वास और सुरक्षा के पूर्व वैश्विक प्रमुख) अपनी पसंद और सनक के हिसाब से फैसले ले रहे थे।
पत्रकार टैबी ने अपने ट्वीट्स में यह भी दावा किया है कि 8 अक्टूबर, 2020 को ट्विटर के अधिकारियों ने ‘us2020_xfn_enforcement’ नाम से एक चैनल बनाया था। इस चैनल में ट्विटर के अधिकारी चुनाव से संबंधित ट्वीट्स को हटाने और अकाउंट्स को सस्पेंड करने के लिए बातचीत करते थे। खासतौर से ‘हाई-प्रोफाइल’ अकाउंट्स को लेकर इसमें चर्चा होती थी।
इसके अलावा टैबी ने दावा किया है कि ट्विटर के अधिकारी न केवल अमेरिकी जाँच एजेंसी एफबीआई और डीएचएस के लोगों के साथ साप्ताहिक मीटिंग कर रहे थे बल्कि राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी (डीएनआई) ऑफिस के लोग भी इसमें शामिल थे। यही नहीं, ट्विटर के अधिकारियों ने एफबीआई अधिकारियों से मिलने के बाद न केवल एक्टिव हुए बल्कि डेमोक्रेटिक पार्टी (जो बाइडेन की पार्टी) के अधिकारियों द्वारा बताए गए ट्वीट्स की रीच को भी कम कर दिया था।
अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचे तो, ‘ट्विटर फाइल्स 3.0’ में मैट टैबी ने ट्वीट्स के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया है कि एफबीआई अधिकारियों और जो बाइडेन की पार्टी डेमोक्रेटिक के अधिकारियों के कहने पर न केवल डोनाल्ड ट्रंप का अकाउंट सस्पेंड किया गया। बल्कि, ट्रंप और उनके समर्थकों के ट्वीट्स को हटाया गया और उनकी रीच कम की गई।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.