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Elon Musk के स्टारशिप ने किया कमाल, दुनिया के सबसे शक्तिशाली रॉकेट की अंतरिक्ष से सफल लैंडिंग करा रचा इतिहास

BY: Divyanshi Singh • LAST UPDATED : October 14, 2024, 9:27 pm IST
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Elon Musk के स्टारशिप ने किया कमाल, दुनिया के सबसे शक्तिशाली रॉकेट की अंतरिक्ष से सफल लैंडिंग करा रचा इतिहास

Elon Musk

India News (इंडिया न्यूज),SpaceX Starship: एलन मस्क और उनकी कंपनी स्पेसएक्स एक बार फिर सुर्खियों में हैं और इसकी वजह है उनका स्टारशिप रॉकेट। यह रॉकेट अपने नाम की तरह ही स्टार साबित हुआ है। रविवार को स्पेसएक्स ने अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट स्टारशिप का पांचवां परीक्षण किया, जो सफल रहा है।इसकी खास बात यह रही कि इस रॉकेट को न सिर्फ लॉन्च किया गया बल्कि वापस लॉन्चिंग पैड पर भी लाया गया जहां पर बने एक टावर ने इस रॉकेट को पकड़ लिया। रॉकेट को पकड़ने के लिए इस टावर में दो मेटल आर्म लगाए गए हैं, जिन्हें ‘चॉपस्टिक’ नाम दिया गया है।

स्टारशिप का पांचवां परीक्षण सफल

स्टारशिप रॉकेट के लॉन्च होने, दोबारा प्रवेश करने और टावर पर वापस लौटने की यह पूरी प्रक्रिया करीब एक घंटे 5 मिनट में पूरी हुई। 13 अक्टूबर को शाम 5:55 बजे टेक्सास के बोका चिका से स्टारशिप रॉकेट को लॉन्च किया गया। उड़ान के कुछ ही मिनट बाद रॉकेट का सुपर हैवी बूस्टर दूसरे हिस्से (स्पेसक्राफ्ट) से अलग हो गया।

जहां इस स्पेसक्राफ्ट को हिंद महासागर में नियंत्रित लैंडिंग कराई गई। तो इस दौरान रॉकेट का सुपर हैवी बूस्टर धरती से करीब 96 किलोमीटर दूर जाकर लॉन्चपैड पर वापस आ गया और टावर ने उसे पकड़ लिया. स्पेसएक्स ने इसे इंजीनियरिंग के इतिहास का सबसे बड़ा दिन बताया है और स्टारशिप को दुनिया का सबसे शक्तिशाली रॉकेट बताया है.

स्टारशिप दुनिया का सबसे शक्तिशाली रॉकेट

जानकारी के मुताबिक, स्टारशिप धरती की कक्षा में 150000 किलोग्राम तक का पेलोड ले जा सकेगा. इसके अलावा यह मून मिशन, धरती से धरती तक परिवहन और अंतरग्रहीय परिवहन में भी सक्षम है. इसकी दूसरी खासियत की बात करें तो स्टारशिप की ऊंचाई 164 फीट और व्यास 9 मीटर है. इसकी पेलोड क्षमता 100 से 150 टन है, जबकि इसमें 6 इंजन लगाए गए हैं. इनमें से 3 रैप्टर और तीन रैप्टर वैक्यूम इंजन हैं.

वहीं, इसके बूस्टर की बात करें तो यह पूरी तरह से दोबारा इस्तेमाल करने योग्य है. यह रॉकेट लॉन्चिंग के कुछ समय बाद ही धरती के वायुमंडल में वापस लौट सकता है और इस लॉन्चिंग साइट पर बने टावर के ज़रिए पकड़ा भी जा सकता है। इसमें 33 रैप्टर इंजन लगे हैं।

खास बात यह है कि स्टारशिप एलन मस्क और उनकी स्पेसएक्स का बेहद अहम प्रोजेक्ट है। स्टारशिप विमान का इस्तेमाल नासा के आर्टेमिस प्रोग्राम (जिसके ज़रिए इंसानों को एक बार फिर चांद पर भेजा जाएगा) में भी किया जाना है और एलन मस्क इसे मंगल ग्रह पर भेजने की भी योजना बना रहे हैं।

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