India News (इंडिया न्यूज), India Depends on Pakistan For Rock Salt Sendha Namak: भारत को आजादी मिलने से पहले ही उसका बंटवारा तय हो गया था। देश को आजादी मिलने से एक दिन पहले ही नए देश पाकिस्तान का जन्म हुआ था। तब से लेकर अब तक पड़ोसी देश से हमारे रिश्ते अच्छे नहीं रहे हैं। बता दें कि दोनों देशों के बीच तीन युद्ध हो चुके हैं। लेकिन दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध हमेशा बने रहे। हालांकि, पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान से आयात में काफी कमी आई है। लेकिन कुछ रोजमर्रा की चीजें ऐसी हैं, जो अभी भी पाकिस्तान से आती हैं। पाकिस्तान से खरीदी जाने वाली पहली चीज है सेंधा नमक (Sendha Namak)। दरअसल, सेंधा नमक के लिए भारत पूरी तरह से पाकिस्तान पर निर्भर है।
आपको बता दें कि सेंधा नमक भारत में नहीं बनता, इसलिए इसे पाकिस्तान से आयात किया जाता है। हालांकि, सेंधा नमक के लिए भारत ने पाकिस्तान पर अपनी निर्भरता कम कर दी है। सेंधा नमक का इस्तेमाल भारत में होने वाले व्रत और धार्मिक आयोजनों में अनिवार्य रूप से किया जाता है। सेंधा नमक को सेंधा नमक, सैन्धव नमक, लाहौरी नमक, हैलाइट, पिंक सॉल्ट और हिमालयन सॉल्ट के नाम से भी जाना जाता है। सेंधा नमक तब बनता है जब समुद्र या झील का खारा पानी सोडियम क्लोराइड के रंग-बिरंगे क्रिस्टल में बदल जाता है। पाकिस्तान में इसकी कीमत 2-3 रुपये प्रति किलो है। जबकि भारत में यह 50-60 रुपए प्रति किलो बिकता है।
सेंधा नमक को सेंधा नमक भी कहते हैं। क्योंकि यह चट्टानों के रूप में पाया जाता है। इस नमक का नाम सेंधा होने के पीछे कई कहानियां हैं। एक मत यह भी है कि इसका नाम सेंधा इसलिए पड़ा होगा क्योंकि यह सिंधु नदी के पास पाया जाता है। कुछ लोग इसका नाम सिंधु प्रांत से जोड़ते हैं। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के झेलम जिले के खेवड़ा में स्थित नमक की खान दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी नमक की खान है। यहां हर साल करीब 4.5 लाख टन सेंधा नमक निकाला जाता है। क्योंकि पड़ोसी पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर है और यह हिमालय की पहाड़ियों पर पाया जाता है, इसीलिए इसे लाहौरी नमक या हिमालयन नमक भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि खेवड़ा की खान में इतना नमक है कि इससे 450 साल तक आसानी से नमक निकाला जा सकता है।
पाकिस्तान से भारत में आने वाले सेंधा नमक की मात्रा का अंदाजा मोटे तौर पर इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2018-19 में भारत के कुल सेंधा नमक आयात का 99.7 फीसदी हिस्सा पाकिस्तान से आया था। सेंधा नमक के लिए भारत ने पाकिस्तान पर अपनी निर्भरता कम कर दी है। वर्ष 2019-20 में भारत ने पाकिस्तान के बजाय संयुक्त अरब अमीरात से सबसे ज्यादा सेंधा नमक आयात किया। पाकिस्तान के अलावा भारत ईरान, मलेशिया, जर्मनी, अफगानिस्तान, तुर्की और ऑस्ट्रेलिया से भी सेंधा नमक आयात करता है। भारत में सेंधा नमक की प्रोसेसिंग और पैकेजिंग यूनिट कोच्चि, मुंबई, हैदराबाद और दिल्ली में हैं। एक अनुमान के मुताबिक करीब 80 फीसदी भारतीय घरों को इसकी जरूरत होती है।
आयुर्वेद में सेंधा नमक को स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना गया है। इसीलिए व्रत और त्योहारों में इसे खाना अनिवार्य किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि सेंधा नमक का इस्तेमाल सिर्फ व्रत में ही नहीं बल्कि हर दिन करना चाहिए। यह पेट की समस्याओं को दूर करता है। इसका इस्तेमाल मुंह और बालों के लिए भी बहुत उपयोगी है। विशेषज्ञों का कहना है कि सेंधा नमक हो या साधारण नमक, सीमित मात्रा में इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का भी कहना है कि नमक का सही तरीके से सेवन करने से हर साल 25 लाख मौतों को टाला जा सकता है।
हालांकि, साल 2019 के बाद पाकिस्तान से आने वाले सामान में काफी कमी आई है। लेकिन सेंधा नमक के अलावा भी पाकिस्तान से कई ऐसी चीजें भारत आती हैं, जिनकी हर घर में जरूरत होती है। भारत आज भी पाकिस्तान से रोजमर्रा की जरूरतों की कई चीजें आयात करता है। इनमें सूखे मेवे, चमड़े के सामान, सौंदर्य प्रसाधन, मुल्तानी मिट्टी, गंधक, तांबा, तांबे के सामान, फल, खनिज ईंधन, प्लास्टिक के सामान, ऊन और चूना पत्थर शामिल हैं। इसके अलावा कपास, चश्मे में इस्तेमाल होने वाले ऑप्टिक्स, ऑर्गेनिक केमिकल और कन्फेक्शनरी उत्पाद भी पाकिस्तान से आयात किए जाते हैं। इसके अलावा, भारत अपने पड़ोसी देश से स्टील और सीमेंट भी आयात करता है। साल 2022 में दोनों देशों के बीच कुल व्यापार करीब 2.5 अरब डॉलर का था।
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