फ्लोरिडा की एक महिला ने कानून प्रवर्तन के साथ झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने के आरोपों में कोई मुकाबला न करने की बात स्वीकार की. पुलिस के अनुसार, महिला ने अक्टूबर में की गई एक फर्जी 911 कॉल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करने की बात कबूल की. उसने दावा किया कि एक आदमी उसके घर में घुस आया था और उसने उसका यौन उत्पीड़न किया. ये हरकतें एक परेशान करने वाले नए टिकटॉक ट्रेंड की तरह हैं.
32 साल की ब्रुक टेलर शिनॉल ने 7 अक्टूबर को सेंट पीटर्सबर्ग पुलिस को फोन किया और दावा किया कि एक अनजान आदमी उसके घर में घुस आया था और उस पर हमला किया था. जब अधिकारी मौके पर पहुंचे, तो उन्हें अपराध का कोई सबूत नहीं मिला. हालांकि, शिनॉल ने उन्हें एक आदमी की तस्वीर दिखाई जिसे उसने संदिग्ध बताया. दूसरी कॉल पर, शिनॉल ने पुलिस को बताया कि उसका यौन उत्पीड़न हुआ है.
विभाग की एक पब्लिक इन्फॉर्मेशन स्पेशलिस्ट एशले लिमार्दो ने उस समय फॉक्स 13 को बताया, “उस दूसरी कॉल के दौरान, हम अपने एक जासूस को जो ऊपर था, उसे सबूत देखने के लिए बुला पाए और मौके पर मौजूद हमारे अधिकारियों को इस मामले में आगे कैसे बढ़ना है, इस बारे में कुछ गाइडेंस दी.” ‘जैसे ही उस जासूस ने तस्वीरें देखीं, उसने तुरंत पहचान लिया कि यह एक ऐसा ट्रेंड था जिसे हम ऑनलाइन देख रहे थे.’
AI-जेनरेटेड इमेज का इस्तेमाल
पुलिस ने बाद में चार्जिंग डॉक्यूमेंट्स में लिखा, ‘बाद में यह तय हुआ कि तस्वीर ChatGPT के जरिए AI-जेनरेटेड थी.’ पुलिस को दी गई तस्वीर एक डिलीटेड फोल्डर में मिली और ऐसा लगता है कि इसे ‘चोरी और हमले के आरोप लगाने से कुछ दिन पहले’ बनाया गया था. क्राइम न्यूज साइट द स्मोकिंग गन द्वारा प्राप्त एक पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, मामले पर काम कर रहे एक जासूस का मानना था कि शिनहॉल्स्टर ‘AI बेघर आदम’ टिकटॉक प्रैंक में हिस्सा ले रही थी. हालांकि, शिनहॉल्स्टर ने कहा कि वह ‘किसी भी ट्रेंड को फॉलो नहीं करती है.’