संबंधित खबरें
ICC के फैसले का नहीं पढ़ रहा नेतन्याहू पर असर, लेबनान में लगातार बह रहा मासूमों का खून…ताजा हमलें में गई जान बचाने वालों की जान
पीएम जस्टिन ट्रूडो को आई अकल, भारतीयों के सामने झुकी कनाडा की सरकार…एक दिन बाद ही वापस लिया ये फैसला
जहां पर भी फटेगा परमाणु बम…तबाह हो जाएगा सबकुछ, यहां जाने उस विनाश और उसके प्रभाव के बारे में
अगर दोस्त पुतिन ने फोड़ा परमाणु बम…तो भारत पर क्या होगा असर? मिट जाएगा इन देशों का नामो-निशान
भारत के नेताओं की स्कीमें कॉपी कर रहे 'दुश्मन' Trudeau, पापों का पश्चाताप करने को निकाली नई योजना? आंखें फाड़े रह गई जनता
वाकई फटने वाला है परमाणु बम? अचानक गायब हुए Putin, लीक हो गया 12 दिनों का सच…ताकतवर देशों के माथे पर पसीना
इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : ज्ञात हो, इंडोनेशिया ने करीब एक साल पहले G20 की अध्यक्षता संभालते हुए “एक साथ उभरें, मजबूती से उभरें’’ का नारा दिया था, जो कि उस समय कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप की मार झेल रही दुनिया के लिए एकदम सटीक था। वहीँ रिज़ॉर्ट द्वीप के नुसा दुआ क्षेत्र में G20 शिखर सम्मेलन से पहले बसों और होर्डिंग पर छपा यह नारा थोड़ा कम प्रासंगिक नजर आ रहा है। खासकर तब जब रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद विश्व आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है और खाद्य तथा ऊर्जा की कमी का संकट मंडरा रहा है।
आपको बता दें,शिखर सम्मेलन 15-16 नवंबर को आयोजित है। रूस-यूक्रेन संघर्ष और उसका वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव यहां चर्चा का विषय रहेगा। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच सोमवार को होने वाली एक बैठक पर सभी की निगाहें है। जानकरी हो , अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी के अगस्त में ताइवान की यात्रा करने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध और खराब हो गए थे। चीन ने इसे उकसाने वाला कदम करार दिया था और इसके जवाब में स्व-शासित द्वीप के आसपास कई सैन्य अभ्यास किए थे।
जानकारी के मुताबिक, अमरीका के राष्ट्रपति बाइडन रविवार देर रात बाली के लिए रवाना हो चुके है वहीँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को यहां पहुंचेंगे। ज्ञात हो, मोदी बलि में आयोजित शिखर सम्मेलन के मुख्य सत्रों में हिस्सा लेंगे और कुछ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी कई विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे और इंडोनेशिया में प्रवासी भारतीय के एक सामुदायिक कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। आपको बता दें, मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे या नहीं इसपर अभी कोई स्पष्टीकरण नहीं है। माना जा रहा अगर दोनों के बीच मुलाकात होती है तो जून 2020 में गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद यह पहली द्विपक्षीय मुलाकात होगी। ज्ञात हो, दोनों नेताओं ने सितंबर में उज्बेकिस्तान के समरकंद में SCO शिखर सम्मेलन में शिरकत की थी, लेकिन तब दोनों के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं हुई थी।
आपको बता दें, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है। रूस की ओर से विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव अपने देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। पुतिन के इस फैसले का पश्चिमी देशों के नेताओं की मंशा पर कोई असर नहीं पड़ता दिख रहा, जो यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के खिलाफ रूस की खुलकर निंदा करने को तैयार हैं। जानकारी हो रूस को शिखर सम्मेलन में ‘‘खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा’’ पर चर्चा के दौरान कड़ी निंदा का सामना करना पड़ सकता है। आपको बता दें, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी लंदन से रवाना होने से पहले स्पष्ट कर दिया था कि, जी 20 शिखर सम्मेलन इस बार हमेशा की तरह नहीं होगा।”
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.