होम / विदेश / कहां है धरती पर नर्क का द्वार, जानिए कलियुग में इसे लेकर क्यों हैं चिंतित वैज्ञानिक?

कहां है धरती पर नर्क का द्वार, जानिए कलियुग में इसे लेकर क्यों हैं चिंतित वैज्ञानिक?

BY: Raunak Pandey • LAST UPDATED : October 1, 2024, 10:56 am IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

कहां है धरती पर नर्क का द्वार, जानिए कलियुग में इसे लेकर क्यों हैं चिंतित वैज्ञानिक?

Gateway to Hell: कहां है धरती नर्क का द्वार?

India News (इंडिया न्यूज), Gateway to Hell: बचपन में जब दादा-दादी हमें कहानियां सुनाते थे, तब उन्होंने हमें धरती पर मौजूद नर्क के द्वार के बारे में बताते थे। साथ ही नर्क का द्वार का जिक्र धार्मिक ग्रंथों, पुरानी कहानियों में अलग-अलग तरीके से वर्णन किया गया है। लेकिन क्या यह सिर्फ एक मिथक है, या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक आधार है? दरअसल, कुछ समय पहले वैज्ञानिकों ने उत्तरी साइबेरिया में एक जगह की पहचान की है। जिसे नर्क का द्वार कहा जाता है। वहीं अब इसने वैज्ञानिकों को भी परेशान कर रखा है।

क्या है साइबेरिया में मौजूद नर्क का द्वार?

बता दें कि धरती का नर्क का द्वार साइबेरिया में मौजूद है। साइबेरिया का नर्क का द्वार कहे जाने वाला विशाल सिंकहोल लगातार बढ़ रहा है, जिसने वैज्ञानिकों को गंभीर चिंता में डाल दिया है। यह सिंकहोल, जिसे बटागाइका क्रेटर के नाम से भी जाना जाता है, जलवायु परिवर्तन के कारण तेजी से फैल रहा है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। दरअसल, बटागाइका क्रेटर साइबेरिया के ऊंचे इलाकों में स्थित एक विशाल गड्ढा है। इसका आकार लगातार बढ़ रहा है और अब यह कई सौ मीटर चौड़ा और गहरा हो गया है। यह गड्ढा पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने के कारण बना है। पर्माफ्रॉस्ट जमीन की वह परत होती है जो साल भर जमी रहती है। वहीं जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में वृद्धि के कारण यह पर्माफ्रॉस्ट पिघल रहा है, जिसके परिणामस्वरूप जमीन धंस रही है और बड़े-बड़े गड्ढे बन रहे हैं।

‘सद्गुरु महिलाओं को संन्यासियों की तरह जीवन…’, मद्रास उच्च न्यायालय ने ईशा फाउंडेशन के संस्थापक से पूछे गंभीर सवाल

क्यों है खतरनाक नर्क का द्वार?

नर्क के द्वार को लेकर वैज्ञानिक भी चिंतित हैं। दरअसल, पर्माफ्रॉस्ट में मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी ग्रीनहाउस गैसें बड़ी मात्रा में फंसी हुई हैं। जब पर्माफ्रॉस्ट पिघलता है, तो ये गैसें वायुमंडल में निकल जाती हैं, जिससे ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती है। साथ ही, पर्माफ्रॉस्ट में कई प्राचीन सूक्ष्मजीव और वायरस फंस जाते हैं। साथ ही ये सूक्ष्मजीव और वायरस सक्रिय हो सकते हैं, जिससे बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने से जमीन अस्थिर हो जाती है। जिससे भूस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बढ़ जाता है।

साथ ही, साइबेरिया में रहने वाले स्थानीय समुदायों के लिए बटागाइका क्रेटर एक बड़ा खतरा है। यह क्रेटर लगातार बढ़ रहा है और इससे स्थानीय लोगों के घर और खेत नष्ट हो सकते हैं। बता दें कि बटागाइका क्रेटर को रोकने के लिए ग्लोबल वार्मिंग को रोकना सबसे जरूरी है।

बन गया नेतन्याहू के कत्ल का महा प्लान! इस्लामिक देशों ने धुंध लिया यहूदी देश में ‘विभीषण’, इजरायल के ईरान के पीछे पड़ने की हकीकत आई सामने?

Tags:

Climate ChangeGlobal Warmingindianewslandslideslatest india newsNewsindiaScientiststoday india newsइंडिया न्यूज

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT