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India News (इंडिया न्यूज), Hassan Nasrallah Assassination: हिजबुल्लाह के सबसे लंबे समय तक चीफ रहे सैयद हसन नसरल्लाह की इजरायली सेना के हमलों में मौत हो गई। दरअसल, इजरायल ने लेबनान में हिजबुल्लाह के कमांड हेडक्वार्टर को उड़ा दिया। इस हमले में नसरल्लाह की बेटी और कई हिजबुल्लाह कमांडर मारे गए। नसरल्लाह का अंत हिजबुल्लाह के लिए जितना बड़ा झटका है, उतना ही ईरान के लिए भी है। इस बात की पूरी संभावना है कि नसरल्लाह के मौत से हालात और खराब होंगे। वहीं हमास प्रमुख इस्माइल हनियेह की हत्या का बदला अब तक नहीं ले पाए ईरान के सामने अब नसरल्लाह के मौत का बदला लेने की चुनौती है। नसरल्लाह की मौत के बाद ईरान, यमन, सीरिया और हिज़्बुल्लाह परेशान हैं, लेकिन उन्हें इजरायल के अगले कदम का भी डर है। सुरक्षा कारणों से ईरान ने अपने सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई को बंकर में छिपा दिया है।
बता दें कि, हिज़्बुल्लाह को एक के बाद एक इजरायली हमलों का सामना करना पड़ रहा है। इजरायली सेना ने उसके कमांड स्ट्रक्चर को ध्वस्त कर दिया है। एक हफ़्ते में एक दर्जन से ज़्यादा टॉप कमांडर मारे जा चुके हैं। वहीं, हवाई हमलों में हिज़्बुल्लाह के कई हथियार नष्ट हो गए हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका स्थित मध्य पूर्व सुरक्षा विश्लेषक मोहम्मद अल-बशा कहते हैं कि हसन नसरल्लाह की मौत के महत्वपूर्ण परिणाम होंगे। इससे समूह में अस्थिरता आ सकती है और इसकी राजनीतिक और सैन्य रणनीतियों में बदलाव आ सकता है।
नसरल्लाह की मौत के बाद हिजबुल्लाह ने एक बयान में कहा कि इजरायल के खिलाफ उसका युद्ध जारी रहेगा। हिजबुल्लाह ने लड़ाई जारी रखने की कसम खाई है। उसके पास अभी भी हजारों लड़ाके हैं, जिनमें से कई सीरिया में युद्ध के अनुभवी हैं और वे बदला लेने के लिए बेताब हैं। गौरतलब है कि, हिजबुल्लाह के पास अभी भी मिसाइलों का एक बड़ा भंडार है। जिनमें से कई लंबी दूरी के हथियार हैं जो तेल अवीव और अन्य शहरों को नष्ट कर सकते हैं।
नसरल्लाह का खात्मा ईरान के लिए उतना ही बड़ा झटका है, जितना हिजबुल्लाह के लिए है। ईरान ने पहले ही पांच दिन के शोक की घोषणा कर दी है। उसने अलर्ट भी जारी किया है। साथ ही ईरान ने अपने नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को बंकर में छिपा दिया है। इससे पहले जुलाई में तेहरान के एक गेस्टहाउस में हमास नेता इस्माइल हनियेह की अपमानजनक हत्या ईरान के दिमाग में अभी भी ताजा है, क्योंकि वह अभी तक इजरायल से बदला नहीं ले पाया है। अब जो कुछ हुआ है, उससे ईरान द्वारा विनाशकारी कदम उठाए जाने की संभावना बढ़ गई है। वहीं ईरान के पास मध्य पूर्व में सहयोगी देशों के भारी हथियारों से लैस मिलिशिया का एक पूरा समूह है।
हिजबुल्लाह के अलावा यमन में हूथी और सीरिया और इराक में कई चरमपंथी समूह हैं। ईरान इन समूहों के जरिए इजरायल और अमेरिकी ठिकानों पर हमले का आदेश दे सकता है।
इजरायली सेना का मानना है कि अब ईरान समर्थित संगठन हिजबुल्लाह उसके पीछे पड़ जाएगा। इसलिए वह तब तक अपना हमला जारी रखना चाहेगी। जब तक आतंकी मिसाइलों का खतरा खत्म नहीं हो जाता। हिजबुल्लाह के आत्मसमर्पण के अलावा इजरायल जल्द ही लेबनान में जमीनी हमला शुरू कर सकता है। इजरायली रक्षा बलों ने हाल ही में सीमा के पास अपने सैनिकों की पैदल सेना की ट्रेनिंग फुटेज जारी की है। सूत्रों का कहना है कि हिजबुल्लाह को भारी नुकसान पहुंचाने के बाद इजरायली सेना के लिए लेबनान में घुसना उतना मुश्किल नहीं होगा जितना गाजा में था। हमास के खिलाफ जमीनी अभियान शुरू करने में इजरायल को महीनों लग गए थे।
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