India News (इंडिया न्यूज), Israel Hezbollah War: इजराइल ने हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत की पुष्टि की है, लेकिन ईरान इस दावे को मानने को तैयार नहीं है। ईरान ने आईडीएफ के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि हमारे सूत्रों के मुताबिक हिजबुल्लाह प्रमुख जिंदा है। इजराइली सेना ने शुक्रवार को लेबनान की राजधानी बेरूत में बड़ा हमला किया। इजराइल के मुताबिक यह हमला हिजबुल्लाह के मुख्यालय पर किया गया और इस हमले में हसन नसरल्लाह और उनकी बेटी के साथ-साथ वहां मौजूद कई अन्य लोगों की मौत हो गई। इजराइली डिफेंस फोर्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है कि – ‘नसरल्लाह अब दुनिया को डरा नहीं पाएंगे।’ ईरान ने इजराइल के दावे को खारिज किया दूसरी ओर, ईरान ने इजराइली सेना के इस दावे को खारिज कर दिया है।
ईरान की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘दुश्मन सेना ने आधिकारिक तौर पर हिजबुल्लाह प्रमुख सैयद हसन नसरल्लाह की मौत की घोषणा की है, लेकिन हमें पूरा भरोसा है कि हिजबुल्लाह प्रमुख सुरक्षित हैं क्योंकि हमें अपने सूत्रों पर संदेह नहीं है जिन्होंने नसरल्लाह की सुरक्षा के बारे में हमसे पुष्टि की है।’ ईरान ने कहा है कि उन्हें मिली ताजा जानकारी के अनुसार नसरल्लाह सुरक्षित हैं और अल्लाह उन्हें लंबी उम्र दे। ईरान ने यह भी कहा कि मौजूदा हालात जटिल हैं और संपर्क स्थापित करने में दिक्कतें आ रही हैं। ईरान के मुताबिक, वह इस मामले में हिजबुल्लाह के आधिकारिक बयान का इंतजार कर रहा है क्योंकि तभी तस्वीर साफ हो पाएगी।
हालांकि आईडीएफ के दावे से पहले हिजबुल्लाह के करीबी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया था कि हिजबुल्लाह प्रमुख सुरक्षित हैं, लेकिन शुक्रवार शाम से कोई संपर्क नहीं हो पाया है। ईरान की तस्नीम न्यूज एजेंसी ने भी नसरल्लाह के सुरक्षित होने की पुष्टि की थी। तस्नीम न्यूज के मुताबिक, इस इजरायली हमले में हिजबुल्लाह की कार्यकारी परिषद के प्रमुख सईद हाशम सफीद्दीन समेत सभी शीर्ष नेता सुरक्षित हैं।
माना जा रहा है कि जब तक इजरायल नसरल्लाह की मौत का कोई सबूत पेश नहीं करता या खुद हिजबुल्लाह इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं करता, तब तक हसन नसरल्लाह की मौत को लेकर सस्पेंस बरकरार रहेगा।
हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह कौन हैं? हसन नसरल्लाह का जन्म 1960 में लेबनान के बेरूत में हुआ था। 1992 में जब नसरल्लाह ने हिजबुल्लाह की कमान संभाली थी, तब उनकी उम्र सिर्फ़ 32 साल थी। माना जाता है कि 1982 में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने इजरायल के खिलाफ लड़ने के लिए हिजबुल्लाह की स्थापना की थी, 90 के दशक में नसरल्लाह इस संगठन का सबसे बड़ा चेहरा बन गए थे। इससे पहले हिजबुल्लाह प्रमुख सैय्यद अब्बास अल-मुसावी को इजरायल ने हेलीकॉप्टर हमले में मार गिराया था।
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