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ब्रिटेन चुनाव के घोषणा-पत्र में हिंदू बना आधार, जानें इसके पीछे की वजह

Rajesh kumar • LAST UPDATED : June 12, 2024, 6:42 pm IST

India News(इंडिया न्यूज), UK General Election 2024: भारत में आम चुनाव खत्म हो चुके हैं। नई सरकार का गठन भी हो चुका है। अब अगले कुछ महीनों तक पूरी दुनिया की निगाहें ब्रिटेन पर रहेंगी। यहां संसदीय चुनाव हो रहे हैं। भारत के लोगों की इसमें खास दिलचस्पी है, क्योंकि भारतीय मूल के ऋषि सुनक कम से कम पिछले डेढ़ साल से ब्रिटिश सरकार चला रहे हैं। बोरिस जॉनसन और लिज ट्रस की नाकाम कोशिशों के बाद सुनक को कंजरवेटिव पार्टी की कमान मिली और उन्होंने ब्रिटेन को राजनीतिक अस्थिरता के चंगुल से काफी हद तक बाहर निकाल लिया है।

फिलहाल उन्हें चुनाव कराकर जनादेश लेने की जरूरत नहीं थी। लेकिन सुनक ने समय से पहले ही 4 जुलाई को मध्यावधि चुनाव की घोषणा कर दी। अब इस चुनाव के लिए घोषणापत्र भी जारी होना शुरू हो गया है। सुनक ने अपने घोषणापत्र में न सिर्फ टैक्स में कटौती बल्कि माइग्रेशन को कम करने का भी वादा किया है। सुनक से मुकाबला करने के लिए लेबर पार्टी भी कई अहम वादे कर रही है। लेकिन वहां के चुनाव में एक खास धर्म के नाम पर लाए गए घोषणापत्र की खूब चर्चा हो रही है।

हिंदू घोषणापत्र क्यों और कैसे?

हिंदुओं से जुड़े एक ब्रिटिश संगठन ने कुछ मुद्दों के जरिए हिंदू मतदाताओं को लामबंद करने की कोशिश की है। ब्रिटेन में हिंदुओं की एक बड़ी आबादी रहती है और चुनाव नजदीक आते देख ‘हिंदूज फॉर डेमोक्रेसी’ नाम के संगठन ने अपना घोषणापत्र जारी किया है। इसमें ब्रिटेन में रहने वाले हिंदुओं की उम्मीदों और भावनाओं को बल दिया गया है। ‘हिंदूज फॉर डेमोक्रेसी’ के मुताबिक ब्रिटेन में हिंदुओं की आबादी 10 लाख से ज्यादा है और वे ब्रिटेन के तमाम इलाकों में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

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ब्रिटेन के चुनावों में धर्म के आधार पर घोषणापत्र आते रहे हैं। इसी कड़ी में मुस्लिम और सिख समुदाय पहले भी अपना घोषणापत्र लाते रहे हैं। लेकिन भारतीयों की ओर से यह पहल पहली बार की गई है। घोषणापत्र लाने वाले संगठन की वेबसाइट पर नजर डालें तो ऐसा लगता है कि यह बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था, चिन्मय मिशन, ब्रिटेन की विश्व हिंदू परिषद समेत कुल 15 हिंदू संगठनों का साझा मंच है। इस संगठन का आरोप है कि एक तरफ सरकार दूसरे धर्मों के पूजा स्थलों के लिए खूब पैसा दे रही है, लेकिन हिंदू संस्थाओं के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जा रहा है। ऐसे में उन्होंने सात बड़ी बातों या बिंदुओं के जरिए अपनी आकांक्षाओं को उन नेताओं के सामने रखा है, जो इस खास समुदाय के लोगों का वोट चाहते हैं। हिंदू घोषणापत्र 2024 के जरिए हिंदू फॉर डेमोक्रेसी संस्थान मांग करता है कि इस बार चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार इन 7 बातों को अपनी प्राथमिकताओं में रखें।

हिंदू घोषणापत्र की 7 बड़ी बातें

  • पहला- हिंदू विरोधी घृणित बातों और घटनाओं को घृणा अपराध घोषित करना और ऐसा करने वाले व्यक्तियों या संगठनों को देश से बाहर निकालने की मांग करना।
  • दूसरा- हिंदुओं की आस्था से जुड़े धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की मांग।
  • तीसरा- अच्छी शिक्षा मुहैया कराना।
  • चौथा- हिंदुओं को समान प्रतिनिधित्व और अवसर मुहैया कराने की मांग।
  • पांचवां- अप्रवास को लेकर स्पष्टता लाने की बात।
  • छठा- हिंदुओं के लिए स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल की बेहतर व्यवस्था।
  • सातवां- हिंदुओं से जुड़े धार्मिक मूल्यों का सम्मान और सुरक्षा करने का वादा यह घोषणापत्र करता है।

इन सात बिंदुओं के अलावा कुछ और महत्वपूर्ण बिंदु भी हैं।

हिंदू फॉर डेमोक्रेसी नामक इस संगठन ने अपने घोषणापत्र के माध्यम से यह स्पष्ट करने का प्रयास किया है कि हिंदू समुदाय के लोगों की बड़ी आबादी होने के बावजूद मीडिया, राजनीति और अन्य क्षेत्रों में उनका प्रतिनिधित्व न होना चिंताजनक है। और इस बार राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों को उनकी चिंताओं के बारे में बात करनी चाहिए।

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