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दुनिया के सबसे ताकतवर देश के ताज से कैसे चूक गई कमला हैरिस, इन 5 वजहों से इतिहास नहीं रच पाईं भारतवंशी

PUBLISHED BY: Divyanshi Singh • LAST UPDATED : November 6, 2024, 3:59 pm IST
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दुनिया के सबसे ताकतवर देश के ताज से कैसे चूक गई कमला हैरिस, इन 5 वजहों से इतिहास नहीं रच पाईं भारतवंशी

US Election Results 2024

India News (इंडिया न्यूज),US Election Results 2024: डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अमेरिका के बिग बॉस बन गए हैं। दोपहर 1 बजे तक की इलेक्टोरल वोट काउंटिंग में उन्होंने निर्णायक 277 वोटों के साथ जीत हासिल कर ली है। आखिर वो कौन से कारण रहे, जिनकी वजह से ट्रंप अपनी प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस से आगे निकल गए। डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार और भारतीय मूल की कमला हैरिस अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव हार गई हैं। वैसे तो आखिरी वक्त तक उन्हें मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा था, लेकिन वोटिंग के बाद जब वोटों की गिनती शुरू हुई, तो इलेक्टोरल वोटों के आधार पर वो काफी पीछे रह गईं। न्यूयॉर्क टाइम्स का अनुमान है कि जब इलेक्टोरल वोटों की गिनती पूरी हो जाएगी, तो कमला हैरिस को 232 वोट मिलेंगे, जबकि ट्रंप को 306 वोट मिलेंगे। आखिर क्या वजह रही कि इतनी लोकप्रिय मानी जाने वाली कमला हैरिस चुनाव हार गईं। जबकि उन्हें महिलाओं से लेकर एशियाई वर्ग तक का भारी समर्थन हासिल था। आइए जानते हैं कि वो कौन से पांच कारण रहे, जिनकी वजह से वो चुनाव जीत गईं।

इन 5 वजहों की वजह से

1.कई मतदाता अर्थव्यवस्था को अहम मुद्दे के तौर पर प्राथमिकता देते हैं। ऐतिहासिक तौर पर ट्रंप को आर्थिक मामलों में ज्यादा पसंद किया जाता रहा है। मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा हैरिस की तुलना में ट्रम्प की आर्थिक नीतियों में विश्वास व्यक्त करता है, जिसके कारण स्वतंत्र विचारों वाले मतदाताओं का एक बड़ा स्विंग वोट हुआ।

2. ट्रम्प ने लगातार अनुकूलता रेटिंग बनाए रखी है, खासकर श्वेत मतदाताओं के बीच, जहाँ उन्हें हैरिस पर पर्याप्त बढ़त हासिल है। इस जनसांख्यिकी का समर्थन स्विंग राज्यों में महत्वपूर्ण है जो चुनाव के परिणाम को निर्धारित करते रहे हैं। साथ ही, जब ट्रम्प मतदाता धोखाधड़ी और चुनाव में एकजुट रहने की बात करते हैं, तो ट्रम्प का एकजुट रहने का नारा आबादी के एक बड़े हिस्से को अपने साथ लाता है। निश्चित रूप से, अमेरिकी आबादी का एक बड़ा हिस्सा इस मामले में कमला हैरिस पर भरोसा करने की संभावना कम है।

3. हैरिस को उनकी संचार शैली के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है, उनके भाषणों को अक्सर अस्पष्ट या अनिर्णायक बताया जाता है। सार्वजनिक रूप से उपस्थित होने के दौरान अस्पष्ट प्रतिक्रिया देने की उनकी प्रवृत्ति ने मतदाताओं को निराश और अलग-थलग कर दिया होगा। एक उम्मीदवार के रूप में उनकी क्षमता के बारे में भी संदेह पैदा हुआ। इसके विपरीत, ट्रम्प का संदेश सीधे उनके मतदाताओं को आकर्षित कर रहा था।

4. अगर स्विंग स्टेट्स पर नजर डालें तो ट्रंप को हर जगह पिछले चुनाव के मुकाबले ज्यादा वोट मिले हैं। इलेक्टोरल वोट बड़ी संख्या में उनके पक्ष में गए हैं। ट्रंप ने वहां स्पष्ट बढ़त हासिल की है। जरूरी इलेक्टोरल वोट पाने के लिए ये राज्य अहम हैं। हैरिस वहां से प्रभावी तरीके से समर्थन नहीं जुटा पाईं। इसलिए, यह भी उनकी हार का सबसे बड़ा कारण है।

5. डेमोक्रेटिक मतदाता हैरिस की उम्मीदवारी से बहुत संतुष्ट नहीं थे। कई मतदाता इस बात से भी असंतुष्ट दिखे कि डेमोक्रेटिक पार्टी ने चार साल में देश में मजबूत नेतृत्व नहीं दिया। इस वजह से ट्रंप एक मजबूत विकल्प बन गए। उन्हें फिर से चुना गया। खास तौर पर ऐसा लगा कि हैरिस की नीतियों में सार या स्पष्टता की कमी है और डेमोक्रेटिक पार्टी फिलहाल उचित नेतृत्व देने में सक्षम नहीं है। शायद उन्हें पार्टी की तरफ से भी बहुत स्पष्ट संदेश नहीं मिला।

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