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India News (इंडिया न्यूज), Mars Environment For Humans: मंगल ग्रह पर भले ही अब तक इंसान नहीं गए हैं, लेकिन आने वाले कुछ वर्षों में उम्मीद है कि वहां इंसानों भेजा जा सकता है। इन सब खबरों के बीच एक हैरान करने वाली बात सामने आई है। दरअसल मामला ये है कि, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस ग्रह पर इंसान हरे रंग के हो सकते हैं और उनकी नजर कमजोर हो सकती है। इंडी 100 की रिपोर्ट के अनुसार टेक्सास स्थित राइस यूनिवर्सिटी के जीवविज्ञानी डॉ. स्कॉट सोलोमन ने बताया कि मंगल ग्रह पर इंसान अगर बच्चों को जन्म देंगे, तो वे कुछ गंभीर उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) और विकासवादी बदलावों का सामना कर सकते हैं। मंगल ग्रह पर लोगों के जीवन यापन को लेकर विशेषज्ञों ने कई बड़े दावे किए हैं।
डॉ. सोलोमन ने अपनी किताब फ्यूचर ह्यूमन्स में लिखा कि मंगल ग्रह की बेहद कठोर परिस्थितियों के कारण वहां इंसानों का जीवित रहना, जीवन यापन करना काफी मुश्किल हो सकता है। उन्होंने बताया कि मंगल पर जन्म लेने वाले बच्चों में कमजोर मांसपेशियां, हरी त्वचा, कमजोर नजर और भंगुर हड्डियां जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। डॉ. सोलोमन के अनुसार इन म्यूटेशन का कारण वहां की कम गुरुत्वाकर्षण शक्ति और हाई रेडिएशन होगा, जो इंसानों को हरे रंग का बना सकता है। हम आपको बता दें कि मंगल ग्रह पृथ्वी से छोटा ग्रह है और वहां का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी के मुकाबले 30% कम है।
डॉ. सोलोमन ने यह भी बताया कि निम्न गुरुत्वाकर्षण के कारण हड्डियां भंगुर हो सकती हैं। इसकी वजह से महिलाओं को डिलीवरी के दौरान गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वहीं अगर हम इंसानों की नजरों की बात करें तो मंगल ग्रह पर इंसानों की नजर कमजोर हो जाएगी। इस वजह से मंगल ग्रह पर लोग छोटे समूहों में रहेंगे और दूर तक देखने की जरूरत कम हो जाएगी। हम आपको बता दें कि अब तक केवल मानव रहित अंतरिक्षयान ही मंगल ग्रह पर पहुंचे हैं, लेकिन जल्द ही वहां इंसान भी जा सकेंगे। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा 2030 के दशक तक इंसानों को मंगल ग्रह पर भेजने की योजना बना रही है और स्पेस X के प्रमुख एलन मस्क ने हाल ही में कहा कि अगले 30 सालों में इंसान मंगल ग्रह पर एक शहर बसा सकते हैं।
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